अप्रैल से जून की तिमाही में भारत में गोल्ड की डिमांड (Gold Demand) में गिरावट दर्ज की गई है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के अनुसार, जून की तिमाही में भारत में गोल्ड की डिमांड में सात फीसदी की गिरावट आई है और ये 158.1 टन रह गई. भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक गोल्ड की खपत वाला मार्केट है. देश में सोने की डिमांड में आई गिरावट की वजह ऊंची कीमतें हैं. जून तिमाही के दौरान सोने की कीमतें रिकॉर्ड हाई स्तर पर पहुंच गई थीं. इस वजह से WGC का कहना है कि भारत में इस साल सबसे कम सोने की खरीदारी होने की उम्मीद है.
ऊंची कीमतों का असर
सोने की ऊंची कीमतें ग्राहकों को डरा रही हैं. कोविड महामारी ने भारतीय गोल्ड मार्केट को काफी प्रभावित किया है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के जारी आंकड़ों के अनुसार, तिमाही में भारत में सोने की मांग की वैल्यू 82,530 करोड़ रुपये थी. ये एक साल पहले की अवधि के वैल्यू 79,270 करोड़ रुपये की तुलना में 4 फीसदी अधिक है.
आभूषणों की मांग में गिरावट
तिमाही के दौरान भारत में कुल आभूषणों की मांग 8 फीसदी घटकर 128.6 टन हो गई. लेकिन आभूषणों की मांग की वैल्यू 67,120 करोड़ रुपये रही, जो सालाना आधार पर 3 फीसदी अधिक है. इस आंकड़े से पता चलता है कि गोल्ड की कीमतों में किस तेजी से बढ़ोतरी हुई है. क्योंकि गोल्ड मांग घटने के बावजूद वैल्यू में इजाफा हुआ है. तिमाही के दौरान भारत में कुल 37.6 टन सोने का रीसायकल किया गया, जो सालाना आधार पर 61 फीसदी अधिक है.
सोने का आयात
अप्रैल-जून तिमाही में भारत में सोने का कुल आयात 209 टन रहा. एक साल पहले ये 180.7 टन था, जो 16 फीसदी अधिक है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के भारत के रीजनल सीईओ सोमसुंदरम पी.आर. ने कहा कि भारत में सोने के आभूषणों की मांग में साल-दर-साल 8 फीसदी की गिरावट देखी गई. उन्होंने कहा कि इस गिरावट की वजह सोने की हाई कीमतें हैं.
गोल्ड की औसत कीमत
2023 की दूसरी तिमाही में सोने की औसत कीमत लगभग 12 प्रतिशत बढ़कर लगभग 52,191 रुपये प्रति 10 ग्राम (टैक्स को छोड़कर) हो गई, जो 2022 की समान अवधि में 46,430 रुपये प्रति 10 ग्राम थी. जनवरी-मार्च 2023 में औसत सोने की कीमत 49,977 रुपये प्रति 10 ग्राम थी. 19 मई को, RBI ने 2,000 रुपये के बैंक नोट को सर्कुलेशन से वापस लेने का ऐलान किया था. आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट जमा करने या बदलने के लिए 30 सितंबर, 2023 की समय सीमा तय की है. घोषणा के बाद, 2,000 रुपये के नोटों का इस्तेमाल कर लोगों ने काफी मात्रा में गोल्ड की खरीदारी की.
कितनी रहेगी गोल्ड की डिमांड?
सोमसुंदरम ने कहा कि इस साल में बचे हुए महीने को देखते हुए हम सोने की मांग को लेकर सतर्क हैं क्योंकि स्थानीय कीमतों में बढ़ोतरी और खर्च में कमी के कारण इसमें अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, मानसून सीजन की सफलता दिवाली सीजन से पहले सेंटिमेंट को मजबूत कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि 2023 की पहली छमाही में 271 टन सोने की मांग के साथ, 2023 में पूरे साल की सोने की मांग 650-750 टन के बीच होने का अनुमान है.