महंगाई (Inflation) के मोर्चे पर देश की जनता को बड़ी राहत मिली है. मंगलवार को सरकार की ओर से जारी किए गए रिटेल महंगाई (CPI) के आंकड़ों को देखें, तो ये अप्रैल में घटकर अब 3.16 फीसदी (Retail Inflation In April) पर आ गई है. इससे पहले मार्च महीने में भी रिटेल महंगाई दर में गिरावट आई थी और पांच महीने के निचले स्तर 3.34% पर पहुंच गई थी. महंगाई में गिरावट का मुख्य कारण खाने-पीने की चीजों की कीमतों में कमी आना है.
2019 के बाद से सबसे कम महंगाई
सरकार द्वारा जारी किया गया अप्रैल में खुदरा महंगाई दर का ये आंकड़ा एक्सपर्ट्स द्वारा जताए गए अनुमानों के अनुरूप है. इसके साथ ही बता दें कि CPI Inflation का ये आंकड़ा अब साल 2019 के बाद से या करीब पांच सालों में सबसे कम है. अप्रैल महीने के दौरान ग्रामीण महंगाई दर में शहरी क्षेत्रों की खुदरा महंगाई दर की तुलना में ज्यादा गिरावट देखने को मिली है. Rural Inflation मार्च के 3.25% से गिरकर अप्रैल में 2.92% पर आ गई.
खाद्य महंगाई में गिरावट का असर
आंकड़ों पर नजर डालें, तो Retail Inflation मे आई यह गिरावट प्रमुख रूप से Food Inflation से प्रेरित रही. अप्रैल महीने में खाद्य महंगाई दर अप्रैल महीने में 1.78% रही, जो कि इससे पिछले महीने मार्च में 2.69% रही थी. ये आंकड़ा 2021 के अक्टूबर महीने के बाद से सबसे कम है. खास तौर पर मार्च की तरह अप्रैल महीने में भी सब्जियों, दाल, फल, अनाज के साथ ही पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स की कीमतों में बड़ी कमी दर्ज की गई है. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए खाद्य महंगाई दर क्रमशः 1.85% और 1.64% है.
ईंधन और बिजली पर बढ़ी महंगाई
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में जहां स्वास्थ्य महंगाई दर 4.25 फीसदी रही, जबकि मार्च में यह 4.26 प्रतिशत थी. मतलब ये लगभग फ्लैट रही है. लेकिन इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन और टेलीकॉम महंगाई दर 3.73 फीसदी दर्ज की गई और इसमें मार्च महीने की तुलना में इजाफा देखने को मिला है. मार्च 2025 में ये आंकड़ा 3.36 फीसदी था. इसके अलावा ईंधन और बिजली की महंगाई में तेज वृद्धि आई है और ये मार्च में 1.42 फीसदी के मुकाबले बढ़कर अप्रैल में 2.92 फीसदी पहुंच गई है.