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1 लाख रुपये का एक बिस्किट... छोटी सी लापरवाही ITC कंपनी को पड़ी महंगी, दिलचस्प है मामला

बिस्किट के पैकेट में 16 की जगह 15 बिस्किट निकलने पर एक ग्राहक ने कंज्यूमर कोर्ट में आईटीसी कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की थी, जिसमें जांच के बाद कोर्ट ने एक बिस्किट कम होने पर कंपनी को 1 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है.

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चेन्नई के उपभोक्ता ने साल 2021 में कंज्यूमर कोर्ट में की थी शिकायत
चेन्नई के उपभोक्ता ने साल 2021 में कंज्यूमर कोर्ट में की थी शिकायत

आपमें से लगभग हर कोई चाय के साथ बिस्किट का लुत्फ उठाता होगा, लेकिन क्या आपने कभी 1 लाख रुपये का एक बिस्किट (Rs 1 Lakh Biscuit) खाया है. सुनकर हर कोई हैरान हो जाएगा, लेकिन जो मामला सामने आया है, उसमें एक बिस्किट की वजह से इसे बनाने वाली कंपनी को एक लाख रुपये देने होंगे. दरअसल, दिग्गज FMCG कंपनी आईटीसी लिमिटेड (ITC Limited) द्वारा बनाए जाने वाले बिस्किट के पैकेट में एक बिस्किट कम निकला, तो उसने कंपनी के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत कर दी, जिस पर कोर्ट ने आईटीसी को निर्देश दिया है कि ग्राहक को 1 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए.  

कंपनी के लिए सबसे महंगा बिस्किट!
इस तरह देखा जाए तो फिर आईटीसी कंपनी को 1 बिस्किट एक लाख रुपये का पड़ा है और यह शायद अब तक का सबसे महंगा बिस्किट भी है. ये मामला चेन्नई (Chennai) का है, जहां के पी. दिलीबाबू ने दिसंबर 2021 में कुत्तों को खिलाने के लिए एक लोकल स्टोर से ITC के ब्रांड 'सन फीस्ट मैरी लाइट' (Sun Feast Marie Lite) बिस्किट के दो दर्जन के करीब पैकेट खरीदे थे.

इस पैकेट के रैपर पर दी गई जानकारी के मुताबिक, इसके अंदर 16 बिस्किट होने का दावा किया गया था, लेकिन जब दिलीबाबू ने इसे खोला और गिना, तो फिर गिनती में पैकेट से एक बिस्किट कम यानी सिर्फ 15 बिस्किट निकले. इसकी शिकायत लेकर वो व्यक्ति उस स्टोर पर गया, जहां से इसे खरीदा था, लेकिन उसने कंपनी पर टालते हुए अपने हाथ खड़े कर दिए. 

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रोजाना 29 लाख रुपये की धोखाधड़ी का दावा
जब पी. दिलीबाबू को स्टोर से अपने सवाल का जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने बिस्किट के पैकेट पर दी गई जानकारी के जरिए आईटीसी कंपनी से संपर्क किया. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी की ओर से भी उन्हें कोई उपयुक्त जवाब नहीं दिया जा सका. इसके बाद दिलीबाबू ने इसे बड़ी धोखाधड़ी करार देते हुए कंज्यूमर कोर्ट में मामले को उठाने की ठानी और अपनी शिकायत दर्ज कराई.

अपनी शिकायत में उन्होंने बताया कि सन फीस्ट मैरी लाइट के 16 बिस्टिक वाले पैक में रेट के हिसाब से एक बिस्किट 75 पैसे का पड़ता है. वहीं आईटीसी कंपनी हर रोज करीब 50 लाख बिस्किट के पैकेट बेचती है और हर पैकेट में एक बिस्किट की धोखाधड़ी के हिसाब से देखें तो ये करीब 29 लाख प्रति दिन के अंतर को दर्शाता है.  

कंपनी का तर्क भी न आया काम
पैकेट से एक बिस्किट गायब होने का ये मामला कंज्यूमर कोर्ट में पहुंचने के साथ ही सुर्खियां बन गया और आनन-फानन में कंपनी को अपना जवाब देना पड़ा. हालांकि, ITC की ओर से कहा गया कि जिस बिस्किट के पैकेट की बात हो रही है, उसे पैकेट के अंदर मौजूद बिस्किट्स की संख्या के आधार पर नहीं, बल्कि वजन के आधार पर बेचा ग था, जो कि 76 ग्राम था.

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कंपनी के तर्क की जांच शुरू की गई और पाया गया कि इस प्रोडक्ट के लगभग सभी पैकेट 76 नहीं बल्कि 74 ग्राम के थे और इनमें 15 बिस्किट थे. इसके बाद अब कंज्यूमर कोर्ट ने इस लापरवाही के लिए आईटीसी को कड़ी फटकार लगाई है और एक बिस्किट के बदले शिकायतकर्ता दिलीबाबू को 1 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है. 

29 अगस्त 2023 को सुनाया फैसला
कंज्यूमर कोर्ट ने आईटीसी के वकील की ओर से दी गई सभी दलीलों को सिरे से खारिज करते हुए बीते 29 अगस्त को ये फैसला सुनाया. जांच के दौरान सभी 15 बिस्किट वाले पैकेट की वजन कराया गया और किसी का भी वजन 76 किलो नहीं निलका, बल्कि दिलीबाबू को एक लाख रुपये मुआवजा देने के साथ ही कंपनी को उस बिस्किट के सभी बैच की बिक्री पर भी अंकुश लगा दिया.

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