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अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले से उभरते बाजारों को अधिक समय मिला

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने के फैसले से उभरते बाजारों को भविष्य में संभावित वृद्धि से निपटने के लिए और अधिक समय मिल गया है.

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अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने के फैसले से उभरते बाजारों को भविष्य में संभावित वृद्धि से निपटने के लिए और अधिक समय मिल गया है.

वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को यह बात कही. आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास ने ट्वीट किया, फेडरल रिजर्व ने दरों में बदलाव नहीं किया है. उभरते बाजारों को अधिक समय मिल गया है. फेडरल रिजर्व द्वारा नीति में बदलाव की स्थिति से भारत बेहतर तरीके से निपट सकता है.

ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी से यहां से पूंजी की निकासी होती है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार तथा भारतीय मुद्रा के मूल्य पर दबाव पड़ता है. अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में लगातार कमजोरी तथा मुद्रास्फीति के बेहद निचले स्तर पर बने रहने की वजह से बुधवार को फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को रिकाॅर्ड निचले स्तर पर कायम रखा था.

इनपुट: भाषा

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