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अनलिस्‍टेड मार्केट में ये चल क्‍या रहा? NSE के बाद अब ये स्‍टॉक बना रॉकेट, आप भी कर सकते हैं निवेश!

वहीं NSE कंपनी के वैल्‍यूवेशन की बात करें तो यह 5.88 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है और हर दिन इसमें उछाल आ रही है. एक्‍सपटर्स के मुताबिक, 6 महीने में इसका आईपीओ आ सकता है. वहीं सेबी इसका IPO लाने के लिए तेजी से तैयारियों में जुटी हुई है.

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अनलिस्‍टेड शेयर में कैसे निवेश करें
अनलिस्‍टेड शेयर में कैसे निवेश करें

शेयर बाजार में इन दिनों गिरावट और तेजी के बीच अच्‍छे-अच्‍छे शेयर पस्‍त पड़े हुए हैं. कुछ शेयर तो ऐसे भी हैं, जो पिछले 6 महीने से टूट रहे हैं. वहीं दूसरी ओर, अनलिस्‍टेड मार्केट में कुछ शेयर गदर काट रहे हैं. IPO की चर्चा से ये शेयर अनलिस्‍टेड मार्केट में तूफानी तेजी पर हैं. NSE के शेयर अनलिस्‍टेड मार्केट में 2400 रुपये के पार जा चुके हैं, जिसने सिर्फ 15 कारोबारी दिनों में 60 फीसदी की तेजी दिखाई है. 

वहीं NSE कंपनी के वैल्‍यूवेशन की बात करें तो यह 5.88 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है और हर दिन इसमें उछाल आ रही है. एक्‍सपटर्स के मुताबिक, 6 महीने में इसका आईपीओ आ सकता है. वहीं सेबी इसका IPO लाने के लिए तेजी से तैयारियों में जुटी हुई है. ऐसे में कहा जा रहा है कि यह आईपीओ भारत का सबसे बड़ा IPO हो सकता है. 

2 महीने में 50% चढ़ा ये शेयर 
NSE के अलावा, एक और कंपनी के IPO की चर्चा है. यह कंपनी नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी (NSDL) है, जिसके शेयर अनलिस्‍टेड मार्केट में शानदार तेजी दिखा रहे हैं. NSDL का आईपीओ मौजूदा वित्त वर्ष के दूसरी तिमाही में आ सकता है. पिछले दो महीनों में शेयर की कीमतों में 50 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी देखी गई है. 

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एनएसडीएल शेयर का प्राइस 
नॉन-लिस्‍टेड मार्केट के डीलरों के अनुसार, IPO की चर्चा के बीच NSDL के शेयर 1,200-1,225 रुपये के स्तर पर पहुंच गए हैं. अप्रैल की शुरुआत में स्टॉक 800-850 रुपये के आसपास कारोबार कर रहा था, इससे पहले कि स्टॉक को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NSE) के शेयरों की तरह फ्री-ट्रांसफर के लिए फ्रीज कर दिया गया. वे NSDL के आईपीओ मूल्य बैंड को 750-850 रुपये के आसपास देखते हैं.

NSDL का प्रॉफिट 
31 मार्च, 2025 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए, NDSL ने राजस्व में 12 प्रतिशत की सालाना ग्रोथ के साथ 1,420 करोड़ रुपये की ग्रोथ दर्ज की, जबकि इस अवधि के लिए इसका नेट प्रॉफिट 24.75 प्रतिशत बढ़कर 343 करोड़ रुपये हो गया. एबिटा 31.5 प्रतिशत बढ़कर 375 करोड़ रुपये हो गया, जबकि परिचालन मार्जिन बढ़कर 26.41 प्रतिशत हो गया. 

क्‍या होता है अनलिस्‍टेडे मार्केट? 
यहां पर ऐसी कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, जिनकी कंपनी स्‍टॉक एक्‍सचेंज BSE-NSE पर लिस्‍ट नहीं हैं. यानी इन कंपनियों के शेयर पब्लिकली ट्रेड नहीं होते हैं. इनका ट्रेड कुछ खास तरीके से ही होता है. यहां ट्रेड होने वाली ज्‍यादातर कंपनियां छोटी या मिड साइज की होती हैं. कुछ प्री-आईपीओ वाली बड़ी कंपनियां भी यहां ट्रेड होती हैं. इसमें ट्रेड करने के लिए डीमैट अकाउंट होना चाहिए. अनलिस्‍टेड कंपनियों के शेयर भी डीमैट अकाउंट में रखे जाते हैं. 

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अनलिस्‍टेड मार्केट में कैसे खरीद सकते हैं शेयर? 
प्री आईपीओ मार्केट या फिर अन‍लिस्‍टेड मार्केट, लिस्‍टेड शेयर बाजार से बिल्‍कुल अलग होता है. अगर आप भी इसमें अनलिस्‍टेड शेयरों को खरीदने की सोच रख रहे हो तो आपके लिए 3 खास तरीके हैं. यह किसी एक्‍सचेंज पर ट्रेड नहीं होता है. 
ब्रोकर्स या डीलर्स की मदद से आप कुछ अनलिस्‍टेड कंपनियों के शेयर खरीद और बेच सकते हैं. 
कुछ ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म भी आपको अनलिस्‍टेड शेयरों में निवेश की सुविधा देते हैं. जहां से आप मदद ले सकते हैं. 
ब्रोकर्स के रिलेशनशिप मैनेजर से भी संपर्क करके आप अनलिस्‍टेड कंपनियों में निवेश कर सकते हैं. 

(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.) 

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