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94000 पर जाएगा Sensex... शेयर बाजार में तेजी के होंगे ये 3 कारण, एक्‍सपर्ट का दावा

ग्‍लोबल रिसर्च फर्म HSBC का कहना है कि शेयर बाजार में जल्‍द अच्‍छी तेजी आ सकती है, जिसके पीछे 3 फैक्‍टर काम करेंगे. रिसर्च फर्म ने 2026 के अंत तक सेंसेक्स का लक्ष्य 94,000 तय किया है.

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शेयर बाजार में आएगी शानदार तेजी. (Photo: Pixabay)
शेयर बाजार में आएगी शानदार तेजी. (Photo: Pixabay)

भारतीय शेयर बाजार में इन दिनों दबाव भले ही दिख रहा है, लेकिन आने वाले समय में शेयर बाजार एक रिकॉर्ड बनाएगा. ऐसा कहना है ग्‍लोबल रिसर्च फर्म एचएसबीसी (HSBC) का. HSBC ने भारतीय शेयरों को 'न्यूट्रल' से हटाकर 'ओवरवेट' (Overweight) कर दिया है. इसका मतलब है कि अब HSBC भारतीय शेयर बाजार को अच्‍छा मान रहा है. ग्‍लोबल फर्म ने इसके पीछे तीन वजह बताई है. 

ग्‍लोबल रिसर्च फर्म HSBC ने बेहतर वैल्‍यूवेशन, सहायक सरकारी पॉलिसी और लचीले घरेलू निवेशक प्रवाह को लेकर बाजार में तेजी का अनुमान लगाया है. रिसर्च फर्म ने 2026 के अंत तक सेंसेक्स का लक्ष्य 94,000 तय किया है, जो मौजूदा स्तरों से 13% से अधिक की संभावित उछाल है. 

क्‍यों शेयर बाजार में आ सकती है तेजी?
उचित मूल्यांकन (Improved valuations):
रिसर्च फर्म का मानना है कि भारतीय बाजार में ज्‍यादा सुधार हो चुका है. लार्जकैप से लेकर स्‍माल कैप तक के शेयरों में अच्‍छा सुधार हुआ है और भारतीय शेयर अब सही कीमत पर मिल रहे हैं.

सरकार की अच्छी पॉलिसी (Supportive Government Policies): सरकार की नीतियां शेयर बाजार के लिए मददगार होने वाली हैं. रिसर्च फर्म का कहना है कि GST और घरेलू खपत को बढ़ाने वाली पॉलिसी शेयर बाजार में तेजी ला सकती हैं. 

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घरेलू निवेशकों का भरोसा: विदेशी निवेशकों के बिकवाली के बावजूद, भारतीय निवेशक बाजार में पैसा लगा रहे हैं, जिससे बाजार मजबूत बना हुआ है. ऐसे में जब विदेशी निवेशकों की भारतीय बजार में खरीदारी बढ़ेगी तो शेयर बाजार में बूम आएगा. 

उथल-पुथल के बीच भी भारतीय बाजार स्थिर
एचएसबीसी ने कहा कि जब दूसरे एशियाई बाजारों (जैसे कोरिया और ताइवान) में उथल-पुथल थी, तब भी भारत शांत और स्थिर रहा. इसका कारण मजबूत आर्थिक बुनियाद और सरकार का सहयोग है. फर्म का कहना है कि ये स्थिरता कई चीजों की वजह से है. जिसमें शेयरों का सही वैल्‍यूवेशन, लाइट फॉरेन फंड पोजिशनिंग, सरकार का सुधारों और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च आदि शामिल है. एचएसबीसी को विश्वास है कि ये सभी कारण मिलकर भारत के शेयर बाज़ार को लंबे समय तक अच्छा प्रदर्शन करने में मदद करेंगे. 

एशियाई बाजारों का क्‍या हाल? 
HSBC ने पाया कि भारी विदेशी निवेश निकासी के बावजूद, एशिया-प्रशांत क्षेत्र के शेयर बाजारों में साल-दर-साल लगभग 20% की ग्रोथ हुई है, जिसका मुख्य कारण घरेलू खुदरा निवेशक हैं. चीन और हांगकांग भी एचएसबीसी की 'ओवरवेट' कैटेगरी में बने हुए हैं, जहां 2026 तक एफटीएसई चीन के लिए +21.0% और एफटीएसई हांगकांग के लिए +16.4% रिटर्न का अनुमान है. 

(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.) 

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