scorecardresearch
 

नए लेबर कोड से बढ़ेगी या घट जाएगी सैलरी? जानिए क्‍या कह रहे एक्‍सपर्ट्स

नए लेबर कोड्स के तहत कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जिसमें सैलरी, ग्रेच्‍युटी, पीएफ और पेंशन शामिल हैं. वहीं यह भी लोग जानना चाहते हैं कि नए कानूनों के आने के बाद क्‍या सैलरी बढ़ जाएगी?

Advertisement
X
नए लेबर कोड से सैलरी में कितना बदलाव? (File Photo: ITG)
नए लेबर कोड से सैलरी में कितना बदलाव? (File Photo: ITG)

29 श्रम कानूनों को सीमित करके 4 नए लेबर कोड्स को लागू कर दिया गया है. इन कानूनों के तहत  सैलरी से लेकर ग्रेच्‍युटी तक के नियम अब बदल चुके हैं. ग्रेच्‍युटी, पीएफ और पेंशन जैसे सोशल सिक्‍योरिटी का भी दायरा बढ़ाया गया है. फिक्‍स्‍ड टर्म कर्मचारियों, कॉन्ट्रैक्‍ट वर्कर और गिग वर्कर को भी सोशल सिक्‍योरिटी के दायरे में रखा गया है. 

नए लेबर कोड से कंपनियों के लिए भी नियम सरल होंगे. ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को सुरक्षा और फायदे मिलेंगे. वहीं बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि इस नए कानून के आने से क्‍या सैलरी में इजाफा होगा या सैलरी घट जाएगी? आइए जानते हैं एक्‍सपर्ट क्‍या कहते हैं. 

एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि नए कानून से रिटायमेंट सिक्‍योरिटी जैसे पीएफ, पेंशन समेत रिटायमेंट फंड मजबूत होगा, लेकिन लाखों कर्मचारियों के लिए मंथली टेक होम सैलरी कम हो सकती है. ट्राइलीगल में श्रम और रोजगार अभ्यास के पार्टनर अतुल गुप्ता ने कहा कि यह दशकों पुराने कानून अब बदल चुके हैं. इससे करोड़ों कर्मचारियों को लाभ पहुंचेगा. 

कैसे तय होगा सैलरी स्‍ट्रक्‍चर? 
एक्‍सपर्ट ने कहा कि नए वेतन कानून के तहत 'मजदूरी' में बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ता और रिटेनिंग भत्ता शामिल किया जाएगा और नियोक्ताओं को यह तय करना होगा कि कर्मचारी के कुल सैलरी का कम से कम 50% डीए और अन्‍य अलॉउंस से जुड़ेंगे. इस बदलाव से भविष्य निधि (PF), ग्रेच्युटी और अन्य बेनिफिट में सीधा बदलाव आ सकता है. 

Advertisement

क्‍या कम हो जाएगी सैलरी? 
नांगिया समूह की पार्टनर अंजलि मल्होत्रा ​​ने कहा कि अब बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ता और रिटेनिंग भत्ता शामिल किया जाएगा . कुल सैलरी में 50% वेतन ग्रेच्युटी, पेंशन और सामाजिक सुरक्षा लाभों से जोड़ा जाएगा. इससे कंपनी और कर्मचारियों का कंट्रीब्‍यूशन बढ़ जाएगा, जिसका अर्थ होगा क‍ि कर्मचारियों की टेक होम सैलरी कम हो सकती है. 

इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन की एग्‍जीक्‍यूटिव डायरेक्‍टर सुचिता दत्ता ने कहा कि इस बदलाव का उद्देश्य सभी कानूनों में सैलरी की परिभाषाओं को एक समान बनाना और खामियों को दूर करना है. उन्होंने कहा कि इसका मतलब ज्‍यादा ग्रेच्युटी और PF के ज़रिए बेहतर रिटायरमेंट सिक्‍योरिटी होगी, लेकिन अगर नियोक्ता लागत की भरपाई के लिए भत्तों में कटौती करते हैं, तो टेक-होम वेतन में कमी हो जाएगी. 

ईवाई इंडिया में पीपल एडवाइजरी सर्विसेज के पार्टनर पुनीत गुप्ता ने कहा कि अब ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन 'मजदूरी' के आधार पर की जाएगी, जिसमें बेसिक सैलरी, एचआरए, वाहन भत्ते को छोड़कर सभी भत्ते शामिल होंगे. लेकिन इससे टेक होम सैलरी भी कम हो सकती है. 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement