सिटीजन कसल्टेंसी फर्म हेनले एंड पार्टनर्स ने AI एनालिटिस प्लेटफॉर्म अल्फाजियो के साथ मिलकर एक रिपोर्ट पेश किया है.यह रिपेार्ट ब्लोबल इन्वेस्टमेंट और रिस्क को लेकर पेश की गई है. जिसमें पाकिस्तान को हैती और लेबनान के साथ सबसे निचले स्थान पर रखा गया है. इसका मतलब है कि पाकिस्तान जैसे देशों में अगर कोई विदेशी नागरिक या फर्म निवेश करती है तो पैसा डूबने का खतरा ज्यादा है.
वहीं इस रिपोर्ट में टॉप लेवल पर स्विट्जरलैंड, डेनमार्क और नॉर्वे को रखा गया है. इसका मतलब है कि टॉप लेवल पर इन तीन देशों में निवेश रिस्क कम है और लिक्विडिटी भी बनी रहेगी.
हेनले एंड पार्टनर्स के अध्यक्ष डॉ. क्रिश्चियन एच. कैलिन ने कहा कि यह लिस्ट यह समझने में एक नया और उपयोगी उपकरण है कि जोखिम और लचीलापन कहा हैं. साथ ही यह भी बताती है कि निवेशकों, कंपनियों और वैश्विक नागरिकों के लिए यह आने वाले सालों में कहां पूंजी को निवेश करना चाहिए.
किन देशों में निवेश सबसे ज्यादा रिस्क
सिएरा लियोन (146), नाइजीरिया (147), पाकिस्तान (148), हैती (149), और लेबनान (150) सूचकांक में सबसे निचले पायदान पर हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये देश गंभीर राजनीतिक अस्थिरता और बड़े पैमाने पर कानूनी और नियामक जोखिमों का सामना कर रहे हैं, जिनका हाई रिस्क प्रोफाइल है.
भारत-अमेरिका-चीन का कौन सा स्थान?
जी7 देशों का प्रदर्शन अच्छा रहा है, जबकि ब्रिक्स देशों का प्रदर्शन मध्यम रहा है. G7 में कनाडा (11वें), ब्रिटेन (19वें), फ्रांस (23वें), अमेरिका (24वें), जापान (27वें) और इटली (36वें) स्थान पर हैं. जबकि ब्रिक्स देशों में चीन (37), रूस (69), दक्षिण अफ्रीका (95), ब्राजील (99) और भारत (104) स्थान पर हैं.
टॉप पर ये देश
इस सूची में सबसे ऊपर स्विट्जरलैंड (1) है, जहां जोखिम कम है और नवाचार, शासन और सामाजिक मानकों में विश्व में शीर्ष पर है. इसके बाद नॉर्डिक देश डेनमार्क (2), नॉर्वे (3) और स्वीडन (5) हैं, जो समान विकास, मजबूत संस्थानों और दूरदर्शी सामाजिक नीति के उदाहरण हैं. चौथे स्थान पर सिंगापुर है, जहां कानूनी और नियामक जोखिम वैश्विक स्तर पर सबसे कम है.
क्यों खास है ये लिस्ट?
यह लिस्ट जोखिम और लचीलापन क्षमता को एक ही स्कोर में जोड़ती है ताकि उन देशों की पहचान की जा सके जो मनी सेविंग और लॉन्ग टर्म में मनी पैदा करने में सबसे बेहतर हैं. इससे निवेशकों, व्यवसायों और परिवारों को अनिश्चितता के बीच फलने-फूलने के लिए एक बेहतर वैश्विक जोखिम प्रोफ़ाइल बनाने में मदद मिलेगी.
अल्फाजियो के संस्थापक और सीईओ डॉ. पराग खन्ना ने बताया कि अगर मजबूत लचीलेपन के साथ हाई रिस्क भी जुड़ा है, तो हमेशा नकारात्मक नहीं होता. उन्होंने कहा कि नवाचार, शासन और जलवायु तैयारी के माध्यम से लचीलापन बनाने के लिए सबसे अधिक प्रतिबद्ध समाज ही निवेश, प्रतिभा और दीर्घकालिक विकास को आकर्षित करेंगे.
ग्रांट थॉर्नटन चाइना के पार्टनर डॉ. टिम क्लैटे कहते हैं कि यह इंडेक्स दर्शाता है कि किसी देश की समृद्धि की रक्षा करने की क्षमता, न कि उसका आकार या संपत्ति, उसकी लचीलापन पर निर्भर करती है. वे आगे कहते हैं कि कमजोर देशों को उच्च जोखिम और कम लचीलेपन का दोहरा बोझ झेलना पड़ता है. भारत और नाइजीरिया जैसे उभरते मार्केट में अपार संभावनाएं हैं. हालांकि जब तक वे शासन और असमानता का समाधान नहीं करते, तब तक उनके जोखिम अवसरों पर हावी होते रहेंगे.