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सरकार का बड़ा फैसला: विदेशी सिल्वर ज्वैलरी के आयात पर रोक, घरेलू उद्योग को मिलेगा सहारा

यह कदम को लेकर सरकार का कहना है कि इससे घरेलू ज्वेलरी सेक्टर को फायदा होगा और छोटे तथा मझोले कारोबारियों के हित सुरक्षित होंगे. सरकार ने यह पाबंदी 31 मार्च 2026 तक लगाई है.

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अगले साल मार्च तक सादे चांदी के आभूषणों के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है. (Photo- ITG)
अगले साल मार्च तक सादे चांदी के आभूषणों के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है. (Photo- ITG)

सरकार ने बुधवार को एक अधिसूचना जारी कर प्लेन सिल्वर ज्वैलरी (सादे चांदी के आभूषणों) के आयात पर अगले साल 31 मार्च 2026 तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. इस कदम का उद्देश्य मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) का दुरुपयोग रोकना और तैयार आभूषणों की आड़ में बड़ी मात्रा में चांदी के आयात को नियंत्रित करना है.

विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की अधिसूचना के अनुसार, "आयात नीति को तत्काल प्रभाव से 'मुक्त' से 'प्रतिबंधित' श्रेणी में संशोधित कर दिया गया है." अब इन वस्तुओं के आयात के लिए सरकार से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा.

अधिकारियों के अनुसार, यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि अप्रैल-जून 2024-25 से अप्रैल-जून 2025-26 के दौरान रियायती शुल्क छूट के तहत प्लेन सिल्वर ज्वैलरी का आयात तेजी से बढ़ा है.

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रोजगार के लिए हो रही थी चुनौती

यह देखा गया था कि FTA के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए होने वाले आयात से घरेलू निर्माताओं पर बुरा असर पड़ रहा था और आभूषण क्षेत्र में रोजगार के लिए भी चुनौती पैदा हो रही थी.

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सरकार का मानना ​​है कि यह फैसला भारतीय आभूषण निर्माताओं को एक समान अवसर प्रदान करेगा, छोटे और मध्यम व्यवसायों के हितों की रक्षा करेगा और इस क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए आजीविका के अवसरों को सुरक्षित करेगा.

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