scorecardresearch
 

BPCL: सरकार नहीं बेच पा रही ये कंपनी, देखते-देखते मुनाफे से घाटे में आ गई

सरकार ने मई के महीने में BPCL की बिक्री के लिए आए सभी प्रस्ताव को रद्द कर दिया था. सरकार BPCL में अपनी संपूर्ण 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रस्ताव लेकर आई थी. जून में सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा था कि अगले 6 महीनों में चीजें हमारे लिए साफ हो जाएंगी.

Advertisement
X
BPCL के प्राइवेटाइजेशन पर सरकार ने बताया प्लान
BPCL के प्राइवेटाइजेशन पर सरकार ने बताया प्लान
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मार्च की तिमाही में फायदे में थी कंपनी
  • जून की तिमाही में हुआ भारी नुकसान

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) के निजीकरण (Privatization) को लेकर सरकार ने संसद में अहम जानकारी दी है. सरकार एक बार फिर से BPCL की बिक्री की प्रक्रिया की शुरुआत कर सकती है. लोकसभा में एक लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री भागवत किशनराव कराड (Bhagwat Kishanrao Karad) ने BPCL के निजीकरण के प्लान के बारे में बताया है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी, उर्जा ट्रांजिशन और जियो-पॉलिटिकल परिस्थितियों ने ग्लोबल स्तर पर कई उद्योगों को प्रभावित किया है. खासतौर पर तेल और गैस उद्योग को गहरा नुकसान पहुंचा है. 

समीक्षा के बाद होगा फैसला

कराड ने कहा ने कहा - 'भारत सरकार ने BPCL के रणनीतिक विनिवेश के लिए फिलहाल एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) प्रक्रिया को बंद कर दिया है. BPCL के निजीकरण की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने का फैसला सही समय और स्थिति पर निर्भर करता है. स्थिति की समीक्षा के बाद ही किसी भी तरह का फैसला लिया जाएगा'. 

इस तिमाही घाटा

इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में BPCL को घाटा हुआ है. इस तिमाही BPCL ने 6,290.8 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है. मार्च 2022 की तिमाही में BPCL का शुद्ध मुनाफा 2,130.5 करोड़ रुपये रहा था. अप्रैल-जून की तिमाही में पेट्रोल-डीजल के दाम में इजाफा नहीं करने के चलते BPCL का घाटा काफी बढ़ गया. वितरण मार्जिन में गिरावट के कारण उसे नुकसान उठाना पड़ा है.

Advertisement

सरकार 2020 में लाई थी प्रस्ताव

सरकार ने मई के महीने में BPCL की बिक्री के लिए आए सभी प्रस्ताव को रद्द कर दिया था. सरकार BPCL में अपनी संपूर्ण 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रस्ताव लेकर आई थी. सरकार ने मार्च 2020 में BPCL को बेचने के लिए बोली आमंत्रित की थी.

नवंबर 2020 तक कम से कम तीन बोलियां आ चुकी थीं. लेकिन सरकार ने अपने प्रस्ताव को वापस ले लिया था. सरकार ने तब कहा था कि ग्लोबल एनर्जी मार्केट में मौजूदा परिस्थितियों के कारण ज्यादातर बिडर्स ने निजीकरण प्रक्रिया में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की है.

कब होगा फैसला

जून में सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा था कि अगले 6 महीनों में चीजें हमारे लिए साफ हो जाएंगी. हमें BPCL के मामले में कैसे आगे बढ़ना चाहिए इसका रास्ता साफ हो जाएगा. आज संसद में सरकार ने साफ कर दिया कि स्थिति की समीक्षा के बाद ही इस पर किसी भी तरह का फैसला लिया जाएगा.

 

Advertisement
Advertisement