सोना-चांदी की कीमतों (Gold-Silver Rates) में आए उछाल ने इस साल 2025 में सभी को चौंकाया है. इनकी रफ्तार अभी भी लगातार जारी है और साल खत्म होने से पहले हर रोज दोनों कीमती धातुएं रिकॉर्ड तोड़ती हुई नजर आ रही हैं. लेकिन Gold-Silver नहीं, हकीकत में एक दूसरी धातु इस बाजार की किंग (King) बनने की ओर बढ़ रही है. जी हां, तांबे की कीमत में भारी उछाल आने वाला है, ये हम नहीं कह रहे बल्कि एक्सपर्ट खुद इसके बारे में तमाम दावे कर रहे हैं और इसके साथ ही Copper Price में बूम आने के पीछे के बड़े कारण भी बता रहे हैं.
तांबा करने वाला है कमाल!
तांबे को अक्सर एक स्थिर औद्योगिक धातु के रूप में देखा जाता रहा है, लेकिन अब इसे अगले बड़े व्यापारिक स्रोत के रूप में पेश किया जा रहा है. इसकी उपयोगिता बढ़ने के साथ ही इसकी कीमतों में उछाल आने वाला है. बीते कारोबारी दिन सोमवार को एक्सपर्ट RKB Ventures के फाउंडर राकेश बंसल ने तर्क दिया कि सप्लाई में बाधाएं और AI, विद्युतीकरण, EVs और एनर्जी ट्रांजिशन से बढ़ी डिमांड तांबे को एक नए दौर में धकेलने वाली साबित हो सकती है. उन्होंने कहा कि Copper Price में भारी उछाल आने वाला है, आपूर्ति में कमी और कई वर्षों तक इसकी कीमतों में तेजी दिखने की संभावना है.
लगातार कमी, कीमतों में लगाएगी आग
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट की मानें, तो तांबे के बाजार (Copper Market) में इस साल 1,24,000 टन और अगले साल 2026 में 1,50,000 टन की कमी होने की आशंका है. यही सबसे बड़ा कारण है कि इस धातु की कीमतों में आग लगने वाली है. बंसल ने बिजनेस टुडे के साथ खास बातचीत में अपनी बात पर जोर देते हुए इसकी कीमतों में रैली की बात कही और इसे बिजली के उपयोग में संरचनात्मक वृद्धि से जोड़ा, साथ ही वायरिंग, ग्रिड और इंडस्ट्रियल मैन्यफैक्चरिंग में तांबे की बड़ी भूमिका को उजागर किया.
COPPER is the NEW KING that's about to EXPLODE! 💥
Supply shortages + AI data centres + EVs + green energy boom = Copper prices set to rally beyond imagination.
Now it's Copper's turn to make millionaires! 🔥🪙#CopperBoom #NewGold #InvestNow— Dr. Rakesh Bansal (@iamrakeshbansal) December 22, 2025
एक्सपर्ट ने कहा कि एल्युमीनियम और तांबा दोनों में तेजी आई है और इनमें आने वाले दिनों में अधिक उछाल देखने को मिलेगा. इलेक्ट्रिफिकेशन से लेकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का डेवलपमेंट तेजी से हो रहा है. भारत में भी कई एआई डेटा सेंटर स्थापित हो रहे हैं और कॉपर के बिना यह तेजी संभव नहीं है. इसकी आपूर्ति में लगातार कमी आ रही है. बंसल के मुताबिक, भारत में तांबे का एकमात्र प्रमुख उत्पादक हिंदुस्तान कॉपर (Hindustan Copper) है.
'Crorepati बनाने की अब तांबे की बारी'
सोना-चांदी ने 2025 में निवेशकों पर पैसों की बरसात की है और इसके रिटर्न से वे मालामाल हो गए हैं. राकेश बंसल का कहना है कि अब तांबे की बारी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (अब X) पर अपनी पोस्ट में लिखा, 'तांबा नया King है, जो धमाका करने वाला है! आपूर्ति की कमी + AI डेटा सेंटर + EVs + ग्रीन ऊर्जा में उछाल = तांबे की कीमतें अकल्पनीय रूप से बढ़ने वाली हैं. अब तांबे की बारी है करोड़पति बनाने की.' उन्होंने आगे लिखा कि AI से परे देखें तो तांबे के बिना बिजली का बुनियादी ढांचा भी संभव नहीं है. सोने और चांदी की तरह तांबा भी एक सुरक्षित निवेश ऑप्शन है, क्योंकि इसकी मांग वास्तविक है. इलेक्ट्रिक वाहनों में भी तांबे की जरूरत है, लेकिन आपूर्ति सीमित है.
ग्लोबल मार्केट में तांबे का धमाल
रॉयटर्स ने अपनी 12 दिसंबर की एक रिपोर्ट में बताया था कि एआई को ताकत देने वाले डेटा सेंटर्स से बढ़ती मांग और सीमित आपूर्ति के कारण तांबा 12,000 डॉलर प्रति मीट्रिक टन के करीब पहुंच रहा है. इसमें यह भी कहा गया है कि तांबे की कीमतें इस साल अब तक 35% बढ़ी हैं और 2009 के बाद से सबसे बड़ी वृद्धि की ओर हैं. इन्वेस्टमेंट बैंकिंग फर्म मैक्वेरी का अनुमान है कि 2026 में वैश्विक तांबे की डिमांड 27 मिलियन टन होगी, जो 2024 की तुलना में 2.7% अधिक है. इसमें चीन (China) में मांग में 3.7% की बढ़ोतरी शामिल है.