scorecardresearch
 

'ओल्ड पेंशन स्कीम पर कोई प्रस्ताव नहीं', वित्त मंत्री ने बताया- सरकार ने क्यों बनाई OPS से दूरी?

ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) की बहाली पर सरकार ने तस्वीर साफ करते हुए कहा कि एनपीएस के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ओपीएस की बहारी का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.

Advertisement
X
ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली पर वित्त मंत्री ने साफ की तस्वीर (File Photo: ITG)
ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली पर वित्त मंत्री ने साफ की तस्वीर (File Photo: ITG)

केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) की बहाली को लेकर पूछे गए एक सवाल के जबाव में साफ किया कि सरकार के पास एनपीएस के अंतर्गत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए OPS बहाली का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. सोमवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) द्वारा ये जानकारी शेयर की गई. इसके साथ ही उन्होंने ओल्ड पेंशन स्कीम को बंद करने और उसकी जगह नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) पेश करने के पीछे का बड़ा कारण भी प्रश्न के उत्तर में बताया. 

क्यों OPS से सरकार ने बनाई दूरी? 

सोमवार को लोकसभा (Lok Sabha) में एक प्रश्न का जबाव देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि जो केंद्रीय कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (National Pension Scheme) के तहत आते हैं, उनके लिए पुरानी पेशन स्कीम को बहाल करने से संबंधित किसी भी तरह का कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है और न ही सरकार के विचाराधीन है. इसके साथ ही उन्होंने OPS बंद करने के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम से सरकारी खजाने पर अवहनीय राजकोषीय दायित्व था, जिसके कारण सरकार ने ओपीएस से दूरी बना ली थी और एनपीएस लागू किया था. 

सरकार ने दिया UPS का ऑप्शन

गौरतलब है कि नेशनल पेंशन स्कीम यानी NPS एक परिभाषित अंशदान आधारित योजना है, जिसे 1 जनवरी, 2004 को या उसके बाद सेवा में शामिल हुए केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था और इससे सशस्त्र बलों को बाहर रखा गया था. पीटीआई के मुताबिक, संसद में वित्त मंत्री ने आगे बताया कि एनपीएस के तहत आने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के पेंशन लाभों (Pension Benefits) में सुधार के उद्देश्य से एनपीएस में संशोधन के उपाय किए गए. 

Advertisement

वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए तत्कालीन वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था और इसके विचार-विमर्श के आधार पर NPS के अंतर्गत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद निश्चित लाभ देने के उद्देश्य से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को एनपीएस के अंतर्गत एक विकल्प के रूप में पेश किया गया. निर्मला सीतारमण के मुताबिक, यूपीएस के लाभों में सबसे खास ये है कि इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि तय भुगतान सुनिश्चित हो और फंड की वित्तीय स्थिरता भी बनी रहे.

क्या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम? 

यूपीएस को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया गया है और इसके तहत अब केंद्रीय कर्मचारियों को एक निश्‍चित पेंशन पाने का ऑप्शन दिया जा रहा है. जो आखिरी 12 महीने की ऐवरेज बेसिक सैलरी का 50% होगा. इससे जुड़ी शर्तों के बारे में बात करें, तो कर्मचारी को यह पेंशन पाने के लिए कम से कम 25 साल तक सर्विस करनी होगी.

वहीं अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है तो परिवार को भी एक निश्चित पेंशन दी जाएगी, जो कर्मचारी को मिलने वाले पेंशन का 60 फीसदी होगा. इसके अलावा, मिनिमम एश्‍योर्ड पेंशन भी दी जाएगी, जिसका मतलब है कि जो लोग 10 साल तक नौकरी करते हैं तो उन्‍हें कम से कम 10 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement