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रेयर अर्थ को लेकर चीन से आई बड़ी खुशखबरी, भारतीय कंपनियों को मिला लाइसेंस

चीन ने भारत के कुछ कंपनियों को चीन ने रेयर अर्थ आयात करने का लाइसेंस जारी कर दिया है. यह लाइसेंस ऐसे समय में दिया गया है, जब अमेरिका और चीन के बीच डील लगभग पूरी हो गई है.

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पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति. (Photo- ITG)
पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति. (Photo- ITG)

चीन ने भारत के कुछ कंपनियों को रेयर अर्थ मिनरल्‍स के इम्‍पोर्ट को लेकर लाइसेंसे जारी किया है, जो भारत के लिए बड़ी राहत है. यह दोनों देशों के व्‍यापारिक रिश्‍ते को भी मजबूत करेगी. रेयर अर्थ मिनरल्‍स इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी स्‍टोरेज जैसे सेक्‍टर्रा के लिए काफी महत्‍वपूर्ण है. वैश्विक दुर्लभ मृदा खनन में चीन का दबदबा है और वैश्विक उत्पादन में इसका योगदान लगभग 70 प्रतिशत है. 

यह लाइसेंस ऐसे समय में इश्‍यू किया गया है, जब अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हुई है. इस मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने कहा कि चीन से टैरिफ 10 फीसदी कम किया गया है. साथ ही चीन ने रेयर अर्थ सप्‍लाई और सोयाबीन खरीदने का वादा किया है. 

चीन द्वारा लाइसेंसे देने से भारत को इन संसाधनों की ज्‍यादा विश्‍वसनीय आपूर्ति मिल सकेगी, जिसका इंडस्‍ट्री सेक्‍टर्स पर खास असर पड़ेगा. विदेश मंत्रालय (MEA) ने गुरुवार को नई दिल्ली में इसकी जानकारी दी है. अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि कुछ भारतीय कंपनियों को चीन से दुर्लभ मृदा चुम्बकों के आयात के लिए लाइसेंस मिले हैं.

लाइसेंस पाने वालों या आयात की मात्रा के बारे में कोई और विवरण नहीं दिया गया. इस कदम को भारत-चीन संबंधों को बेहतर बनाने की व्यापक पहलों के संदर्भ में देखा जा रहा है, जिन्हें हाल के वर्षों में झटका लगा है.

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चीन ने उर्वरक और रेयर अर्थ पर लगाई थी रोक
पिछले साल चीन द्वारा भारत समेत कई देशों को उर्वरक और खनिज निर्यात पर रोक लगाई थी,जिसके बाद नई दिल्ली को रेयर अर्थ मिनरल्‍स की आपूर्ति में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. हालांकि बीजिंग ने जून में अन्य देशों के लिए प्रतिबंधों में ढील दी थी, लेकिन उसने अब तक भारत के लिए ऐसा नहीं किया था. 

इसके अलावा, हालही में चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्‍स प्रॉसेस और बैटरी उत्‍पादन से संबंधित तकनीक और उपकरणों के निर्यात पर नए लिमिट लागू की हैं, जिससे महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखलाओं पर उसका कड़ा नियंत्रण और मजबूत हो गया है.

भारत-चीन के बीच सुधर रहे रिश्‍ते 
भारतीय कंपनियों को लाइसेंस देने के चीन के फैसले को भारत-चीन के बीच व्‍यापार रिश्‍ते सुधरने का संकेत माना जा रहा है. यह बदलाव दोनों सरकारों द्वारा राजनयिक संबंधों को फिर से स्थापित करने के लिए उठाए गए कई कदमों के बीच आया है, जिसमें कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करना और भारत द्वारा चीनी नागरिकों को पर्यटक वीजा जारी करने का नवीनीकरण शामिल है. 

भारत के लिए क्‍यों खास है रेयर अर्थ 
भारत के लिए औद्योगिक और तकनीकी विकास को बनाए रखने के लिए रेयर अर्थ खनिजों की निरंतर आपूर्ति बेहद जरूरी है. इलेक्ट्रिक वाहनों और ड्रोन से लेकर उन्नत बैटरी सिस्‍टम तक, उच्च तकनीक वाले उत्पादों के निर्माण में दुर्लभ मृदा खनिज की आवश्‍यकता पड़ती है. वर्तमान लाइसेंसिंग कदम इन महत्वपूर्ण इनपुट तक भारत की पहुंच को विविध और स्थिर बनाने में मदद कर सकता है.

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