केंद्र सरकार ने राशन कार्ड (Ration Card) को लेकर एक नई पहल की है. सरकार ने देश के 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राशन कार्ड में नाम दर्ज करवाने के लिए साझा रजिस्ट्रेशन सुविधा की शुरुआत की है. फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया है. खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने बताया कि यह सुविधा राज्यों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत कवरेज के लिए योग्य लाभार्थियों की पहचान को वेरिफाई करने में मदद करेगी.
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा विकसित इस सॉफ्टवेयर को 'राशन मित्र' नाम दिया गया है. इसका इस्तेमाल देश के किसी भी स्थान से लोग राशन कार्ड बनवाने के लिए कर सकते हैं. NFSA के तहत लगभग 81.35 करोड़ व्यक्तियों को कवरेज मिलता है.
कितने लाभार्थियों को जोड़ा जा सकता है?
फिलहाल इस अधिनिमय के तहत लगभग 79.77 करोड़ लोगों को अत्यधिक रियायत आधार पर खाद्यान्न दिया जाता है. इस हिसाब से अभी NFSA के तहत 1.58 करोड़ और लाभार्थियों को जोड़ा जा सकता है. सुधांशु पांडे ने कहा कि पंजीकरण सुविधा का मुख्य उद्देश्य राज्यों में पात्र लाभार्थियों की पहचना करना है. इसके तहत उन लोगों को राशन कार्ड जारी करने में मदद मिलेगी, जो इसके पात्र हैं.
कितने रद्द हुए राशन कार्ड?
खाद्य सचिव सुधांशु पांडे के अनुसार, पिछले 7 से 8 वर्षों में करीब 18 से 19 करोड़ लाभार्थियों से जुड़े लगभग 4.7 करोड़ राशन कार्ड विभिन्न कारणों से रद्द किए गए हैं. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा पात्र लाभार्थियों को नियमित आधार पर नए कार्ड भी जारी किए जाते हैं.
उन्होंने कहा कि वेब आधारित नई सुविधा फिलहाल 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर उपलब्ध होगी. इस महीने के अंत तक इससे देश के सभी 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू कर दिया जाएगा.
इन राज्यों में हुई शुरुआत
सचिव के अनुसार, इन 11 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में असम, गोवा, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, पंजाब और उत्तराखंड शामिल हैं. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत देश की 67 फीसदी आबादी को रियायती दर पर खाद्यान्न मुहैया कराया जाता है.
राशन मित्र सरकार द्वारा शुरू किया गया एक Application है. इसे राज्य के नागरिक अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करके खुद से Ration Card के लिए रजिस्टर्ड कर सकते हैं. इस ऐप की शुरुआत सरकार ने राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम के साथ मिलकर की है.