
Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार भारत को श्रीअन्न का वैश्विक हब बनाने की दिशा में काम कर रही है. भारत इसको लोकप्रिय बनाने में सबसे आगे है. उन्होंने भारत में सदियों से खाए जाने वाले श्रीअन्न का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार इसके उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए छोटे किसानों के साथ मिलकर काम करेगी.
उन्होंने कहा, 'श्रीअन्न की खपत से पोषण, खाद्य सुरक्षा और किसानों के काम को बढ़ावा मिलता है, माननीय प्रधानमंत्री जी ने ऐसा कहा है. हम दुनिया में श्रीअन्न के सबसे बड़े उत्पादक और दूसरे सबसे बड़े निर्यातक हैं. हम कई प्रकार के श्रीअन्न उगाते हैं जैसे- ज्वार, श्री रागी, श्रीअन्न बाजरा, श्रीकुट, श्रीअन्न रामदाना, कांगनी, कुटकी, कोदो, चीना और सामा.'
उन्होंने आगे कहा, 'इनके ढेरों स्वास्थ्य फायदे हैं और ये सदियों से हमारे भोजन का मुख्य अंग बने रहे हैं. मैं इन श्रीअन्न को उगाकर देशवासियों की सेहत में योगदान करने के लिए छोटे किसानों के प्रति आभार व्यक्त करती हूं. अब भारत को श्रीअन्न का वैश्विक हब बनाने के लिए भारतीय बाजार अनुसंधान संस्थान हैदराबाद को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा.'
क्या है श्रीअन्न-
मिलेट्स यानी मोटे अनाज को वित्त मंत्री ने श्रीअन्न कहकर संबोधित किया है जिसके ढेरों फायदे हैं. ज्वार, रागी, बाजरा, कुट, रामदाना, कांगनी, कुटकी, कोदो, चीना और सामा मोटे अनाजों की श्रेणी में आते हैं. भारत में सदियों से प्रचलित मोटे अनाज अब पश्चिमी देशों में भी लोकप्रिय हो रहे हैं क्योंकि ये ग्लूटन फ्री होते हैं.

इनमें प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं. इसके अलावा मोटे अनाज में फॉस्फोरस, फॉलेट, मैग्नीशियम और आयरन की भी अच्छी मात्रा होती है. मोटे अनाज दूसरे अनाजों की तुलना में अधिक एमीनो एसिड प्रदान करते हैं जिससे शरीर में प्रोटीन का निर्माण होता है. लीडिंग हेल्थ वेबसाइट हेल्थलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इनके सेवन से शरीर में मेटल पॉइजनिंग का खतरा भी बेहद कम हो जाता है.

श्रीअन्न के फायदे
ब्लड शुगर को कम करने में मददगार
मोटे अनाज फाइबर और बिना स्टार्च वाले पॉलीसेकेराइड से भरपूर होते हैं. ये ऐसे कार्ब्स हैं जो पचते नहीं और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. इनमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी होता है जो ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकता है. इसलिए जिन लोगों को डायबिटीज है, उनके लिए मोटे अनाजों का इस्तेमाल सबसे बेहतर माना जाता है.

कॉलेस्ट्रॉल को कम करते हैं मोटे अनाज
मोटे अनाजों में घुलनशील फाइबर होता है, जो आंत में चिपचिपा पदार्थ पैदा करता है. यह चिपचिपा पदार्थ फैट को खुद में फंसा लेता है जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी आती है. एक अध्ययन में देखा गया कि हाई कॉलेस्ट्रॉल से पीड़ित जिन लोगों ने मोटे अनाज का सेवन किया उनके शरीर में बैड कॉलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी आई और गुड कॉलेस्ट्रॉल में इजाफा हुआ.

ग्लूटेन फ्री
कई लोगों को गलूटेन से एलर्जी होती है जिस कारण वो गेहूं का सेवन नहीं करते. मोटे अनाज ग्लूटेन फ्री होते हैं जिनका चलन अब तेजी से बढ़ रहा है. लोग ग्लूटेन फ्री डाइट की तरफ बढ़ रहे हैं और मोटे अनाज इसके सबसे श्रेष्ठ विकल्प हैं.