बिहार के पूर्णिया में टेटगामा गांव में पांच आदिवासियों की बेरहमी से हत्या के मामले में चौंकाने वाला नया खुलासा सामने आया है. हत्या कांड के मुख्य आरोपी नकुल उरांव का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह खुद झाड़-फूंक करते दिख रहा है. यह वीडियो घटना के ठीक पांच दिन पहले का बताया जा रहा है और अब यह केस एक बार फिर से अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र की ओर मुड़ता नजर आ रहा है.
इस वायरल वीडियो में नकुल एक छोटे बच्चे के शरीर पर हाथ फेरते हुए देवी-देवताओं का नाम लेता दिख रहा है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कमरे में भगवान की तस्वीर लगी है और नकुल गंभीर मुद्रा में तंत्र क्रिया कर रहा है. कुछ देर झाड़-फूंक के बाद बच्चा दम तोड़ देता है. इसके बाद नकुल खुद यह कहता है, 'इसकी मौत हो गई!' और इसके लिए गांव के ही एक अन्य व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराता है.
वीडियो में नकुल यह भी कहता सुनाई दे रहा है कि, 'पहले लोग दूसरी जगह झाड़-फूंक कराते हैं, जब हालात बिगड़ जाते हैं तब मेरे पास लाते हैं.' यह बयान न सिर्फ उसकी ओझा होने और तंत्र-मंत्र की गतिविधियों की पुष्टि करता है बल्कि यह भी बताता है कि गांव में उसका प्रभाव किस हद तक था.
इस पूरे घटनाक्रम को और बल तब मिला जब गांव की एक बुजुर्ग महिला जो रिश्ते में नकुल की दादी लगती हैं उन्होंने भी दावा किया कि नकुल के पिता मुकुंद उरांव भी झाड़-फूंक और तंत्र विद्या के जानकार थे. उन्होंने बताया कि लोग सालों से उनके पास झाड़-फूंक कराने आते रहे हैं.
अब जब नकुल इस जघन्य हत्या मामले में सलाखों के पीछे है, यह वीडियो न सिर्फ उसकी भूमिका को और गहरा बनाता है बल्कि यह भी उजागर करता है कि कैसे अंधविश्वास की जड़ें आज भी गांवों में मजबूत हैं. पुलिस इस वीडियो को केस की जांच में शामिल कर चुकी है और इसकी सत्यता की तकनीकी जांच भी कराई जा रही है.