मुंगेर जिले के सदर अस्पताल में सात माह की गर्भवती महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों और अस्पताल कर्मियों की लापरवाही के कारण यह घटना हुई. परिजनों के अनुसार, गुरुवार की रात 11 बजे महिला को उल्टी और दस्त की शिकायत के बाद इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया.
काफी निवेदन के बाद लगभग रात एक बजे इलाज शुरू किया गया. इलाज के बाद जब महिला की हालत में थोड़ा सुधार हुआ तो डॉक्टरों ने उसे घर ले जाने के लिए कहा. परिजन चाहते थे कि महिला को अस्पताल में ही रखा जाए, लेकिन स्टाफ के दबाव में उसे घर ले जाना पड़ा.
गर्भवती महिला की इलाज के दौरान मौत
शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे महिला की तबीयत फिर बिगड़ गई. परिजन उसे दोबारा अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन आरोप है कि डॉक्टरों ने समय पर इलाज नहीं किया और महिला की बेड पर ही मौत हो गई. मौत के बाद स्टाफ ने इंट्राकेट लगाकर इंजेक्शन देने की कोशिश की.
डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
मृतका की पहचान कासिम बाजार थाना क्षेत्र के मुखबिरा चांय टोला निवासी बिहारी महतो की पत्नी नीतू देवी (25) के रूप में हुई है. परिवार बेहद गरीब है और महिला के दो छोटे बच्चे हैं. घटना की जानकारी मिलने के बाद बीजेपी विधायक प्रणव कुमार यादव अस्पताल पहुंचे और सिविल सर्जन डॉक्टर राम प्रवेश को मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए. सिविल सर्जन ने कहा कि दोषियों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे और पोस्टमार्टम के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.