बिहार के खगड़िया जिले में रविवार तड़के उस समय हड़कंप मच गया जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम ने मानसी थाना क्षेत्र स्थित सैदपुर गांव में एक घर पर छापेमारी की. छापेमारी सुबह करीब 3 बजे शुरू हुई और लगभग 5 घंटे तक चली. यह कार्रवाई दिल्ली के लाल किला के पास 10 नवंबर को हुए कार ब्लास्ट मामले की जांच के सिलसिले में की गई थी, जिसमें 15 लोगों की मौत हुई थी.
सैदपुर गांव में NIA का छापा
हालांकि मानसी थाना अध्यक्ष दीपक कुमार ने आधिकारिक तौर पर मामले की जानकारी देने से इनकार किया, लेकिन जिला पुलिस के सूत्रों ने पुष्टि की कि यह रेड रेड फोर्ट ब्लास्ट केस से जुड़ी जांच का हिस्सा है. NIA उन संभावित संपर्कों और मॉड्यूल्स की तलाश कर रही है, जिनका नेटवर्क बिहार तक फैला हो सकता है.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक जिस घर पर छापेमारी की गई वह अब्दुल हादी का है जो रिटायर्ड पोस्टमास्टर हैं. हादी ने मीडिया से कहा कि वो पूरी तरह सदमे में हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि एजेंसी उनके घर क्यों आई.
रिटायर्ड पोस्टमास्टर के घर तलाशी
हादी ने कहा, 'हम शरीफ लोग हैं, कभी किसी पुलिस केस से दूर-दूर तक संबंध नहीं रहा, आज सुबह अचानक NIA हमारे घर में घुस आई. पूरा घर उलट-पुलट कर दिया गया. हम नहीं जानते कि हमारा नाम कैसे इसमें जुड़ गया.'
परिवार ने कहा, हम पूरी तरह अनजान
परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि तलाशी के दौरान घर के हर कमरे, स्टोर, छत और आंगन को मेटल डिटेक्टर और अन्य तकनीकी उपकरणों से खंगाला गया. टीम ने परिवार के मोबाइल फोन भी जांचे. महिला सदस्यों ने कहा कि छापेमारी का समय और प्रक्रिया उनके लिए मानसिक आघात जैसा था. हादी ने इसे 'अत्याचार' बताया और कहा कि वो पूरी तरह अनजान हैं कि एजेंसी किस सुराग के आधार पर उनके घर पहुंची.
सूत्रों के अनुसार, NIA बिहार में कई जगहों पर छापेमारी कर रही है और खगड़िया की यह कार्रवाई उसी व्यापक नेटवर्क की जांच का हिस्सा है, जिससे रेड फोर्ट ब्लास्ट में शामिल मॉड्यूल के सुराग मिलने की उम्मीद है. NIA की टीम बिना कोई सामान जब्त किए वापस लौट गई.