राम जन्मभूमि के बाद अब देवी सीता प्राकट्य क्षेत्र में भव्य भूमिजा जानकी मंदिर बनेगा. रामायण रिसर्च काउंसिल के तत्वावधान में 12 एकड़ भूमि पर ये मंदिर बनेगा. यहीं मां सीता के लाडले सुत महावीर हनुमान की 108 फीट ऊंची प्रतिमा भी लगाई जाएगी. बिहार सरकार ने काउंसिल को ये भूमि आवंटित कर दी है.
सीता प्राकट्य क्षेत्र सीतामढ़ी में प्राचीन श्रीरामजानकी स्थान पर मां सीताजी के भव्य मंदिर का निर्माण होगा. जूना अखाडे़ के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि राम जन्मभूमि के भव्य दिव्य स्वरूप के बाद अब मां पराम्बा, भगवती, जानकी के प्राकट्य क्षेत्र के जीर्णोद्धार का अवसर है.
जूना अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी गिरि ने जोर देकर कहा कि बिहार सरकार मां सीताजी के प्राकट्य स्थल पर भी मां सीताजी का मंदिर बनाने के लिए पहल कर रही है. उन्होंने इस दिशा में कोई भ्रम ना करने की अपील की और स्पष्ट किया कि प्राकट्य-स्थान-अलग है और सीतामढ़ी में जिस श्रीरामजानकी स्थान की चर्चा हम आज कर रहे हैं, वह पुण्यभूमि मां सीताजी के प्राकट्य स्थल से चार किलोमीटर दूर है.
उन्होंने बताया कि सीतामढ़ी का यह वह प्राचीन मठ है जो बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के अधीन है. इसके जीर्णोद्धार के लिए काउंसिल लंबे समय से पहल कर रही थी और इसके लिए अनुमति भी मांगी थी. उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत प्रसन्नता है कि परिषद ने इस पर अनुमति भी दे दी है. सीतामढ़ी में प्राकट्य स्थली के अलावा कई और मठ-मंदिरों का जीर्णोद्धार हो और नव-निर्माण हो. इसी दिशा में रामायण रिसर्च काउंसिल की पहल काफी महत्वपूर्ण है.
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि जिस तरह प्रभु श्रीराम के जन्मस्थान पर दिव्य मंदिर होने के साथ अयोध्या में कई मंदिर और मठ हैं. उनका जीर्णोद्धार भी हुआ है. इसी तरह मां सीताजी के प्राकट्य क्षेत्र सीतामढ़ी में भी जो प्रमुख स्थान हैं और प्राचीनता है, उसका प्रसार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि काउंसिल के अंतर्गत सीतामढ़ी को हम लोग तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित करने का संकल्प ले रहे हैं.
गीता मनीषी ने कहा कि यहां हम लोग हनुमानजी की 108 फीट ऊंची प्रतिमा की भी स्थापना करेंगे.
आचार्य रामचंद्र दास जी महाराज ने कहा कि उनके गुरू पद्मविभूषण जगतगुरु स्वामी श्रीरामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि वह रामायण रिसर्च काउंसिल के साथ जुड़ें और मां सीताजी के इस मंदिर निर्माण के लिए सहयोग दें. सीताजी के प्राकट्य क्षेत्र पुनौरा-धाम में मां सीताजी के मंदिर बनाने के लिए लंबे समय से पहल की जा रही है. प्राकट्य स्थल पुनौरा धाम पर मां सीताजी का दिव्य और भव्य मंदिर बनेगा.
दरअसल, बिहार सरकार ने पुनौरा धाम मंदिर के पुनर्विकास के लिए 50 एकड़ जमीन अधिग्रहित की मंजूरी दी है. इससे पहले 16.63 एकड़ भूमि अधिग्रहण की मंजूरी दी गई थी. यह मंदिर सीतामढ़ी के पुनौरा गांव में स्थित है. ऐसा माना जाता है कि देवी सीता का जन्म यहीं हुआ था. पुनौरा धाम में मंदिर के पीछे जानकी कुंड नामक एक सरोवर है.
सीतामढ़ी रामायण सर्किट का भी हिस्सा है, जो रामायण में वर्णित 15 महत्वपूर्ण स्थानों में शामिल है. केंद्र सरकार ने इसे धार्मिक पर्यटन के रूप में विकास के लिए चिन्हित किया है.