बिहार में आतंकवाद और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए राज्य पुलिस की विशेष इकाई एटीएस (आतंकवाद निरोध दस्ता) को और मजबूत किया जा रहा है. पटना स्थित मुख्यालय के अलावा राज्य के चार अहम क्षेत्रों गया, मोतिहारी, दरभंगा और पूर्णिया में एटीएस के नए क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाने की तैयारी है. इस संबंध में गृह विभाग को प्रस्ताव भेज दिया गया है और अनुमति मिलते ही इन कार्यालयों के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
यह जानकारी एडीजी (विधि-व्यवस्था) पंकज कुमार दराद ने दी. उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रीय कार्यालयों के खुलने से सीमावर्ती और संवेदनशील इलाकों में आतंकवाद, धार्मिक कट्टरता और संगठित अपराध पर निगरानी और प्रभावी होगी.
क्षेत्रीय कार्यालयों की भूमिका
हर क्षेत्रीय कार्यालय की कमान डीएसपी रैंक के अधिकारी के हाथ में होगी. ये इकाइयां आतंकवाद, धार्मिक उग्रवाद, राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और संगठित अपराधों पर नजर रखेंगी. यह व्यवस्था जिलों में पहले से मौजूद स्पेशल ब्रांच के समानांतर काम करेगी. साथ ही सीमावर्ती इलाकों में संदिग्ध गतिविधियों की सतत निगरानी और जेल से रिहा हुए राष्ट्रविरोधी मामलों के आरोपियों पर विशेष नजर रखी जाएगी.
सोशल मीडिया और आसूचना तंत्र मजबूत
एटीएस की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग यूनिट अब तक 176 लोगों को चरमपंथी विचारधाराओं से जुड़ा हुआ पहचान चुकी है. इनमें से 12 लोगों को काउंसलिंग के जरिए अतिचरमपंथी रास्ते से हटाने का प्रयास किया गया. इसके अलावा राज्य के सभी थानों में एक अधिकारी और एक सिपाही को विशेष रूप से आसूचना संग्रह की जिम्मेदारी दी गई है, जो मादक पदार्थ तस्करी, अवैध शराब कारोबार, आतंकवाद और संगठित अपराध से जुड़ी सूचनाएं सीधे मुख्यालय तक पहुंचाएंगे.
स्वाट टीम और विशेष प्रशिक्षण
एटीएस के अंतर्गत गठित स्पेशल वेपन एंड टैक्टिक्स (SWAT) टीम राज्य के 257 संवेदनशील संस्थानों की सुरक्षा की निगरानी कर रही है. पिछले वर्ष 194 और इस वर्ष 41 संस्थानों में मॉक ड्रिल और रेकी की गई. अब तक 176 कमांडो को मनेसर (हरियाणा) और कोलकाता स्थित केंद्रों में विशेष प्रशिक्षण दिया जा चुका है.
नए साल को लेकर अलर्ट
नए साल के मद्देनजर सभी जिलों को चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. प्रमुख चौक-चौराहों पर पुलिस की तैनाती, सीमावर्ती इलाकों में एसएसबी के साथ संयुक्त गश्त और शराब तस्करी रोकने के लिए विशेष अलर्ट जारी किया गया है.
अपराधियों की संपत्ति पर शिकंजा
बीएनएसएस की धारा 107 के तहत अपराधियों की अवैध संपत्ति जब्ती की कार्रवाई तेज कर दी गई है. अब तक 1421 अपराधियों की पहचान की गई है, 407 मामलों में कोर्ट को प्रस्ताव भेजा गया है और तीन अपराधियों की संपत्ति जब्त की जा चुकी है. जनवरी से 22 दिसंबर तक 12.69 लाख से अधिक लोगों पर निरोधात्मक कार्रवाई की गई है.
यह पहल बिहार में आंतरिक सुरक्षा को और सुदृढ़ करने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है.