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'मेरे खिलाफ पॉलिटिकल कैंपेन...', एथेनॉल ब्लेंड E20 पेट्रोल पर बोले नितिन गडकरी

Nitin Gadkari on E20 Petrol: आज सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के 65वें वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, वह सोशल मीडिया पर एक "पेड पॉलिटिकल कैपेंन" का शिकार हुए हैं.

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नितिन गडकरी ने कहा कि, ये एक पेड कैंपेन था, जो उनके खिलाफ चलाया जा रहा था. Photo: ITG
नितिन गडकरी ने कहा कि, ये एक पेड कैंपेन था, जो उनके खिलाफ चलाया जा रहा था. Photo: ITG

एथेनॉल ब्लेंड फ्यूल (E20 Petrol) को लेकर हाल के दिनों में खूब चर्चा हो रही थी. देश भर में कई लोगों ने अलग-अलग प्लेटफॉर्म से इस बात की शिकायत की थी कि, एथेनॉल ब्लेंड पेट्रोल के इस्तेमाल से उनके वाहनों का माइलेज और परफॉर्मेंस कम हुआ है. अब इस मामले में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि, ये राजनीति से प्रेरित एक पेड कैंपेन था, जो उनके खिलाफ चलाया जा रहा था.

दिल्ली में आयोजित सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के 65वें वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए, गडकरी ने कहा कि वह सोशल मीडिया पर एक "पेड पॉलिटिकल कैपेंन" का शिकार हुए हैं. उन्होंने कहा कि, E20 पेट्रोल, जिसमें पारंपरिक फ्यूल के साथ 20% एथेनॉल मिलाया जाता है, को लेकर ऑनलाइन चिंताएँ बढ़ा-चढ़ाकर पेश की जा रही हैं. 

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि “यह ईंधन सुरक्षित है और नियामकों और ऑटोमोबाइल निर्माताओं, दोनों द्वारा समर्थित है. ARAI और सुप्रीम कोर्ट ने E20 कार्यक्रम को लेकर पूरी स्पष्टता दे दी है. सोशल मीडिया पर मुझे राजनीतिक रूप से निशाना बनाने के लिए एक कैम्पेन चलाया गया था. वह एक पेड कैम्पेन था, इसलिए मैं उस पर कोई ध्यान नहीं देता.”

बता दें कि, हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर एथेनॉल ब्लेंडेड फ्यूल को लेकर केंद्र सरकार और विशेष तौर पर परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. कार मालिकों का दावा है कि E20 जैसे हाई एथनॉल ब्लेंडिंग से न केवल वाहनों की माइलेज पर असर पड़ता है, बल्कि पुराने मॉडल,  ख़ासतौर पर 2023 से पहले बने वाहन, तकनीकी रूप से इसके लिए उपयुक्त नहीं हैं.,

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लोगों ने अलग-अलग फोरम में इस बात की शिकायत की थी कि, E20 पेट्रोल के इस्तेमाल के चलते उनके वाहन का माइलेज कम हुआ है साथ ही इससे इंजन और फ़्यूल सिस्टम को नुकसान पहुँच रहा है. इसके अलावा लोकल सर्किल के एक सर्वे में भी दावा किया गया था कि, तकरीबन 44% लोगों ने एथेनॉल ब्लेंड पेट्रोल का समर्थन न करने की बात कही थी.

वहीं इस मामले में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MoPNG) ने सोशल नेटवर्किंग साइट 'X' पर अपने एक बयान में कहा कि, "रेगुलर पेट्रोल की तुलना में इथेनॉल की एनर्जी डेंसिटी कम होने के कारण, माइलेज में मामूली कमी आती है. जो E10 के लिए डिज़ाइन किए गए और E20 के लिए कैलिब्रेट किए गए चार पहिया वाहनों के लिए अनुमानित 1-2%, और अन्य वाहनों के लिए लगभग 3-6% है."

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