फॉक्सवैगन और स्कोडा की कारों में बड़ी तकनीकी खामी सामने आई है. जिससे स्कोडा की काइलैक, कुशाक और स्लाविया कारों को वापस मंगाया गया है. दूसरी ओर फौक्सवैगन की टाईगुन और वर्टस में भी वही समस्या देखी गई है. जिसके चलते फॉक्सवैगन ने भी अपनी इन दोनों कारों को रिकॉल किया है. सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के डाटा के अनुसार इन दोनों कंपनियों के मेड-इन-इंडिया कारों में ये तकनीकी परेशानी देखने को मिली है.
SIAM के डाटा के मुताबिक स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया द्वारा 24 अप्रैल 2024 से लेकर 1 अप्रैल 2025 के बीच भारत में निर्मित कारों को रिकॉल किया गया है. बताया जा रहा है कि, इन कारों के पिछले हिस्से में दिए जाने वाले सीटबेल्ट (Seatbelt) में कुछ परेशानी सामने आई है. जिसे ठीक करने के लिए यह रिकॉल की गई है.
Skoda की ये कारें वापस मंगाई गईं:
स्कोडा ने हाल ही में भारतीय बाजार में अपनी सबसे सस्ती कार Kylaq को लॉन्च किया था. सियाम डाटा अनुसार स्कोडा की 25,722 यूनिट कारों को वापस मंगाया गया है. जिसमें काईलैक, कुशाक और स्लाविया शामिल हैं. यह पाया गया कि सामने से टक्कर की स्थिति में, "पीछे की सीटबेल्ट की बकल लैच प्लेट टूट सकती है, या/और पीछे की सेंटर सीटबेल्ट असेंबली की वेबिंग और पीछे की दाईं सीटबेल्ट की बकल खराब हो सकती है". इससे पीछे की सीट पर बैठे यात्रियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है.
Volkswagen की ये कारें शामिल:
फॉक्सवैगन की टाइगुन एसयूवी और वर्टस सेडान में भी यही समस्या देखने को मिली है. इस रिकॉल में फॉक्सवैगन की कुल 21,513 कारें प्रभावित हुई हैं, जिन्हें वापस मंगवाया गया है. यानी दोनों कंपनियों के कारों की संख्या को जोड़े तों तकरीबन 47,235 यूनिट गाड़ियों को रिकॉल किया गया है.
क्या करेंगे ग्राहक:
जैसा कि हर रिकॉल में होता है वाहन निर्माता कंपनी ग्राहकों से सीधे संपर्क करेगी और वाहनों को नजदीकी डीलरशिप पर मंगवाया जाएगा. जहां कारों की जांच के बाद उनमें जरूरी रिपेयरिंग या पार्टस बदले जाएंगे. इसके लिए ग्राहकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, ये सर्विस बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध होगी. फॉक्सवैगन और स्कोडा इस रिकॉल से प्रभावित कार मालिकों से काल, मैसेज या ई-मेल के जरिए संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा ग्राहक सीधे अपने नजदीकी डीलरशिप से भी इस बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.