G20: बाली में ऋषि सुनक से हुई पीएम मोदी की मुलाकात, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार मिले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया के बाली में G-20 समिट में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. यहां उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मुलाकात की. ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने के बाद ऋषि सुनक से प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली मुलाकात है.

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जी 20 समिट में पीएम मोदी ने ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक से की मुलाकात जी 20 समिट में पीएम मोदी ने ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक से की मुलाकात

aajtak.in

  • बाली,
  • 15 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:54 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया के बाली में G-20 समिट में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. यहां उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मुलाकात की. ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने के बाद ऋषि सुनक से प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली मुलाकात है. भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन में हुई राजनीतिक अस्थिरता और लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद अक्टूबर में कंजरवेटिव पार्टी के प्रमुख और यूके के प्रधानमंत्री बने हैं.

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Prime Ministers @narendramodi and @RishiSunak in conversation during the first day of the @g20org Summit in Bali. pic.twitter.com/RQv1SD87HJ

— PMO India (@PMOIndia) November 15, 2022

 

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से गर्मजोशी से मुलाकात की. पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी मिले.पीएम मोदी ने यहां खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा पर आयोजित सत्र को संबोधित भी किया. 

पीएम बोले- अब युद्ध रोकने का रास्ता खोजना होगा

इस दौरान पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि मैं बार बार कह रहा हूं कि हमें यूक्रेन में युद्ध रोकने के लिए कूटनीति के रास्ते पर लौटने का समाधान खोजना होगा. पीएम ने कहा कि पहले दूसरे विश्व युद्ध ने दुनिया में कहर बरपाया. इसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति का मार्ग अपनाने का गंभीर प्रयास किया. अब हमारी बारी है.

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पीएम मोदी ने उठाए वैश्विक मुद्दे

पीएम मोदी ने कहा कि कठिन वैश्विक वातावरण में G20 को प्रभावी नेतृत्व देने के लिए, मैं राष्ट्रपति जोको विडोडो का हार्दिक अभिनंदन करता हूं. क्लाइमेट चेंज, कोविड महामारी, यूक्रेन का घटनाक्रम और उससे जुड़ी वैश्विक समस्याएं, इन सब ने मिल कर विश्व मे तबाही मचा दी है. ग्लोबल सप्लाई चेन तहस-नहस हो गई हैं. पूरी दुनिया मे जीवन-जरूरी चीजें, essential goods,की सप्लाइ का संकट बना हुआ है. हर देश के गरीब नागरिकों के लिए चुनौती और गंभीर है. वे पहले से ही रोजमर्रा के जीवन से जूझ रहे थे, उनके पास दोहरी मार से जूझने की आर्थिक capacity नहीं है. हमें इस बात को स्वीकार करने से भी संकोच नहीं करना चाहिए कि UN जैसी मल्टीलैटरल संस्थाएं इन मुद्दों पर निष्फल रही हैं. और हम सभी इनमे उपयुक्त रिफॉर्म करने मे भी असफल रहे हैं. इसलिए आज जी-20 से विश्व को अधिक अपेक्षाएं हैं, हमारे समूह की प्रासंगिकता और बढ़ी है.

 

 

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