नाइजीरियाई एयर फोर्स का कैमरून सीमा के पास एयर स्ट्राइक, 35 आतंकियों को मारने का दावा

नाइजीरिया की एयर फोर्स ने दावा किया है कि कैमरून बॉर्डर के पास की गई एयर स्ट्राइक में 35 से ज्यादा जिहादियों को मार गिराया गया है. यह कार्रवाई बोको हराम और ISWAP जैसे समूहों के बढ़ते हमलों के बीच की गई है. सरकार आतंकवाद और बैंडिट्री से जूझ रही है, जबकि हाल ही में अमेरिका से 346 मिलियन डॉलर के हथियार खरीदने का एग्रीमेंट भी हुआ है.

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नाइजीरिया का उत्तर-पूर्वी इलाका जिहादी मूवमेंट्स की चपेट में है. (Image for representation: Reuters) नाइजीरिया का उत्तर-पूर्वी इलाका जिहादी मूवमेंट्स की चपेट में है. (Image for representation: Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 7:24 AM IST

नाइजीरिया की एयर फोर्स ने शनिवार को दावा किया कि उसने कैमरून बॉर्डर के पास की गई कार्रवाई में 35 से ज्यादा जिहादियों को मार गिराया है. यह हमला उस समय किया गया जब आतंकी ग्राउंड टूप्स पर हमला करने के लिए इकट्ठा हुए थे. 

एयर फोर्स की तरफ से जारी स्टेटमेंट में कहा गया, "कई स्रोतों से मिली इंटेलिजेंस के आधार पर एयर कॉम्पोनेंट ने लगातार पासेस में प्रिसिशन स्ट्राइक्स किए. इसमें आतंकियों को चार अलग-अलग असेंबली एरिया पर निशाना बनाया गया और 35 से ज्यादा फाइटर्स को न्यूट्रलाइज़ किया गया."

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स्टेटमेंट में आगे बताया गया कि इलाके में मौजूद ग्राउंड टूप्स ने बाद में पुष्टि की कि "उनके लोकेशन के आसपास की स्थिति अब स्थिर हो गई है." हालांकि इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है.

नाइजीरिया के उत्तर-पूर्वी इलाके चरमपंथियों की चपेट में

उत्तरी-पूर्वी नाइजीरिया, जो कैमरून, चाड और नाइजर की सीमाओं से जुड़ा है, लंबे समय से चरमपंथी हमलों का सामना कर रहा है. यहां बोको हराम और इस्लामिक स्टेट वेस्ट अफ्रीका प्रॉविन्स (ISWAP) जैसे समूह सक्रिय हैं. पिछले कुछ महीनों में इनकी तरफ से मिलिट्री फैसिलिटीज़ पर हमले भी तेज हुए हैं.

NAF ने कहा कि शनिवार की कार्रवाई यह साबित करती है कि एयर फोर्स क्षेत्र में ग्राउंड टूप्स का सपोर्ट जारी रखेगी. इसके साथ ही यह अभियान आतंकियों की लॉजिस्टिक्स और बॉर्डर क्षेत्रों में मूवमेंट कॉरिडोर्स को बाधित करने के लिए भी किया जा रहा है.

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पिछले हफ्ते नाइजीरियाई मिलिट्री ने जानकारी दी थी कि इस साल अब तक 592 सशस्त्र आतंकियों को मार गिराया गया है. यह संख्या 2024 की तुलना में अधिक है, जो इस साल की बढ़ती कार्रवाई को दर्शाता है.

आतंकवाद की वजह से हजारों मौतें, लाखों का पलायन

नाइजीरिया लंबे समय से आतंकवाद और बैंडिट्री की दोहरी समस्या से जूझ रहा है. हिंसा का सबसे बुरा दौर 2015 के आसपास देखा गया था, हालांकि उसके बाद कुछ गिरावट आई है, लेकिन इस साल की शुरुआत से हमले फिर से बढ़ने लगे हैं. अब तक 40,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 20 लाख लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हुए हैं.

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ग्रामीण नाइजीरिया में जिहादी हमलों के अलावा नॉर्थवेस्ट इलाकों में हथियारबंद बैंडिट गैंग्स भी सक्रिय हैं. सरकार को इस दोहरी चुनौती पर काबू पाने में नाकाम रहने के लिए आलोचना झेलनी पड़ रही है.

इसी बीच, पिछले हफ्ते नाइजीरिया ने अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के साथ 346 मिलियन डॉलर (लगभग 295 मिलियन यूरो) के हथियार खरीदने का एग्रीमेंट किया है. इसमें बम, रॉकेट्स और अन्य हथियार शामिल हैं, जो अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी के बाद सप्लाई किए जाएंगे.

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अमेरिकी एम्बेसी ने बताया कि वॉशिंगटन और नाइजीरिया में मौजूद अमेरिकी अधिकारी लगातार नाइजीरियाई सरकार के साथ टॉप लेवल पर कोऑर्डिनेशन कर रहे हैं ताकि सिविलियंस की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. साथ ही, किसी भी सिविलियन कैजुअल्टी और ह्यूमन राइट्स वॉयलेशन की घटनाओं की पारदर्शी जांच कर जिम्मेदारी तय करने पर भी जोर दिया जा रहा है.

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