पाकिस्तान के कहने पर ना चलें मुस्लिम देश, कश्मीर पर OIC के बयान को लेकर भारत ने दी चेतावनी

ओआईसी ने अपने प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों का जिक्र किया है और कहा है कि वहां के लोगों को आत्मनिर्णय का अधिकार होना चाहिए. भारत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि भारत का संदर्भ झूठ और गलत बयानी पर आधारित है.

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ओआईसी की बैठक में इमरान खान के साथ चीन और सऊदी के विदेश मंत्री (Photo- Reuters) ओआईसी की बैठक में इमरान खान के साथ चीन और सऊदी के विदेश मंत्री (Photo- Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 12:32 PM IST
  • ओआईसी ने अपने प्रस्ताव में किया कश्मीर का जिक्र
  • भारत ने जताई कड़ी आपत्ति
  • कहा- भारत का संदर्भ झूठ और गलत बयानी पर आधारित

पाकिस्तान के इस्लामाबाद में आयोजित इस्लामिक सहयोग संगठन (Organisation Of Islamic Cooperation) में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया. ओआईसी ने कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों का जिक्र करते हुए कहा कि कश्मीरियों को आत्मनिर्णय का अधिकार होना चाहिए. भारत ने ओआईसी के इस बयान की सख्त आलोचना करते हुए कहा कि ओआईसी का ये बयान झूठा और गलत है.

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भारत का बयान साझा किया है.

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भारत की तरफ से बयान में कहा गया, 'बैठक में दिए गए बयान और अपनाए गए प्रस्ताव दिखाते हैं कि इस्लामिक सहयोग संगठन एक संस्था के रूप में कितना अप्रासंगिक है. इससे ये भी स्पष्ट होता है कि इसके जोड़तोड़ में पाकिस्तान की कितनी बड़ी भूमिका है.'

बयान में आगे कहा गया, 'ओआईसी में भारत का जिक्र गया है जो झूठ और गलत बयानी पर आधारित है. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का बारंबार उल्लंघन होता है. उसके कहने पर ओआईसी द्वारा भारत में अल्पसंख्यकों के साथ बर्ताव पर टिप्पणी करना मूर्खता है. जो भी देश और संगठन इस तरह के अभ्यासों में हिस्सा लेते हैं, उन्हें एहसास होना चाहिए कि इससे उनकी प्रतिष्ठा पर क्या असर होगा.'

क्या कहा था ओआईसी ने अपने प्रस्ताव में?

कश्मीर को लेकर ओआईसी ने अपने प्रस्ताव में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघनों की हम कड़ी निंदा करते हैं. कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर ओआईसी ने कहा कि 5 अगस्त 2019 को भारत ने एकतरफा फैसले में गैर-कानूनी तरीके से जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटा दिया. इसका लक्ष्य कश्मीर के डेमोग्राफी में बदलाव करना है.

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ओआईसी ने कहा कि जब तक कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता तब तक दक्षिण एशिया में शांति नहीं आ सकती. ओआईसी ने आगे कहा, 'हम जम्मू और कश्मीर के लोगों के साथ अपनी अटूट एकजुटता दिखाते हैं. हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, ओआईसी के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार आत्मनिर्णय के उनके अधिकार के लिए पूर्ण समर्थन व्यक्त करते हैं.' 

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