अमेरिकी EB-5 वीजा का ही नया रूप है ट्रंप की 'गोल्ड कार्ड' स्कीम, फीस 5 गुनी हो गई, समझें पूरी कहानी

डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका में 'गोल्ड कार्ड' स्कीम लेकर आए हैं. इस स्कीम के तहत दुनिया के किसी भी मुल्क में रह रहा शक्स 5 मिलियन डॉलर अमेरिका में निवेश करके गोल्ड कार्ड हासिल कर सकता है. हालांकि, यह स्कीम नई नहीं है. इससे पहले इसे EB-5 वीजा के तौर पर चलाया जाता था.

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Trump Gold Card scheme Trump Gold Card scheme

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:26 AM IST

अमेरिकी लेखक 'जेम्स ट्रुसलो एडम्स' ने 1931 में 'एपिक ऑफ अमेरिका' नामक एक किताब लिखी, जिसमें उन्होंने 'अमेरिकन ड्रीम' को दुनिया के सबसे सुनहरे ख्वाब की तरह परिभाषित किया. ऐसा ख्वाब जिसमें अमेरिका को जमीन का एक ऐसा टुकड़ा बताया गया, जहां काबिलियत के दम पर बेहतर जिंदगी की उम्मीद मुमकिन है और जहां सभी को अपनी काबिलियत साबित करने का मौका भी मिलता है.

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पिछले 94 साल में यूएस अपना 'अमेरिकन ड्रीम' अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को बेच चुका है. दरअसल, अमेरिका EB-5 वीजा नाम की एक स्कीम चलाकर विदेशी अमीरों को आकर्षित करता था और हर साल हजारों की तादाद में दुनियाभर के करोड़पति एक छोटा सा निवेश करके अमेरिकी ग्रीन कार्ड हासिल कर लेते थे. यह कार्ड मिलने के बाद कोई भी अमेरिका में लंबे समय तक रह सकता है.

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने EB-5 वीजा के लिए निवेश की जाने वाली रकम को 5 गुना तक बढ़ा दिया है. आइए आपको बताते हैं कि पुराना EB-5 वीजा क्या था, इसके लिए कितनी रकम चुकानी होती थी और अब नए 'गोल्ड कार्ड' के लिए कितना निवेश करना होगा.

कैसे मिलता था EB-5 वीजा?

अमेरिकी सरकार के पुराने EB-5 वीजा को हासिल करने के लिए अमेरिका के किसी भी क्षेत्र में 1.05 मिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट करना होता था. भारतीय पूंजी में बात की जाए तो 9 करोड़ रुपए के आसपास अमेरिकी बाजार में निवेश करना होता था. 

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> इन्वेस्टमेंट के जरिए अमेरिका में कोई बिजनेस शुरू करना होता था.

> कम से कम 10 अमेरिकी नागरिकों को नौकरी देनी होती थी.

> यह वीजा अमेरिका में रहने के साथ-साथ काम करने की अनुमति देता था.

> EB-5 वीजा 1990 में अमेरिकी कांग्रेस लेकर आई थी.

ये भी पढ़ें: दुनियाभर के अमीरों के लिए ट्रंप लेकर आए 'गोल्ड कार्ड' वीजा, जानें भारतीयों पर क्या होगा असर

अब खर्च करने होंगे 5 मिलियन

डोनाल्ड ट्रंप दुनियाभर के रईसों के लिए एक ऑफर लेकर आए हैं, जिसके तहत मोटी रकम खर्च करके अमेरिकी नागरिकता हासिल की जा सकती है. अगर कोई अपना'अमेरिकन ड्रीम' पूरा करना चाहता है तो उसे 5 मिलियन डॉलर खर्च करने होंगे.

'गोल्ड वीजा' लेने के क्या नियम

> ट्रंप ने नए 'गोल्ड कार्ड वीजा' में निवेश को 5 गुना तक बढ़ा दिया है.

> गोल्ड वीजा के लिए अब अमेरिका में 5 मिलियन डॉलर निवेश करना होगा.

> भारतीय पूंजी में बात करें तो करीब 43 से 45 करोड़ रुपए निवेश करने होंगे.

किन देशों के लोग लेते हैं नागरिकता?

> हैरानी वाली बात यह है कि अमेरिकी नागरिकता लेने वालों में चीन के साथ-साथ भारतीयों की संख्या भी अच्छी खासी तादाद में है.

> अब तक EB-5 वीजा के जरिए हर साल करीब 10 हजार लोगों को अमेरिका की नागरिकता दी जाती थी.

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US के अलावा ये देश भी बेचते हैं नागरिकता

अमेरिका के अलावा UAE, पुर्तगाल, ग्रीस, माल्टा, कैरेबियन द्वीप समूह भी अपने देश में निवेश करने पर नागरिकता देते हैं. इन देशों में निवेश करने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों को भी नागरिकता प्रदान की जाती है. परिवार में मुख्य तौर पर पति-पत्नी, अविवाहित बच्चे और बुजुर्ग माता पिता-शामिल होते हैं.

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