गाजियाबाद में बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में धर्मांतरण कराने के आरोपी शाहनवाज खान उर्फ बद्दो को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. गाजियाबाद के एसीपी ने बताया कि 30 मई को थाना कविनगर में धर्मांतरण का केस लिखा गया था. इसके मुख्य आरोपी शाहनवाज उर्फ बद्दो को थाना कविनगर पुलिस ने महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया था और इसे ट्रांजिस्ट रिमान्ड पर लाया गया था. ऐसे में आज पूछताछ के बाद उसे अदालत में पेश किया गया और उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत मे भेजा गया है.
पुलिस ने ऑनलाइन गेम के जरिए नाबालिगों का धर्म परिवर्तन करवाने के आरोपी शाहनवाज पर और भी बड़ा खुलासा किया है. शाहनवाज के पास से पाकिस्तान की कुछ ई- मेल आईडी मिली हैं. पुलिस अब शाहनवाज से पाकिस्तान कनेक्शन पर पूछताछ कर रही है. पुलिस ने कहा कि उसके मोबाइल से काफी डेटा मिला है जो संदिग्ध है.
महाराष्ट्र से गिरफ्तार हुआ बद्दो
आरोप के मुताबिक शाहनवाज उर्फ बद्दो ऑनलाइन गेमिंग के जरिए बच्चों के धर्म परिवर्तन का रैकेट चलाता था. यूपी पुलिस ने इस शाहनवाज खान उर्फ बद्दो को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले से गिरफ्तार किया था. एक अधिकारी ने बताया था कि उसे अलीबाग शहर से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी ठाणे जिले के मुंब्रा का रहने वाला है. गाजियाबाद पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी.
गाजियाबाद में हुआ मामले का खुलासा
गौरतलब है कि बीते दिनों गाजियाबाद में ऑनलाइन गेमिंग एप्लिकेशन के जरिए धर्मांतरण का मामला सामने आया था. इसमें शाहनवाज खान और गाजियाबाद की एक मस्जिद के मौलवी के खिलाफ अवैध धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. पुलिस ने कहा था कि गाजियाबाद के एक व्यक्ति ने पिछले महीने शिकायत दर्ज कराई थी कि मौलवी अब्दुल रहमान और बद्दो ने हाल ही में 12वीं की परीक्षा पास करने वाले उसके बेटे का धर्मांतरण कराया था.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसका बेटा एक ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए बद्दो के संपर्क में आया और अक्सर उससे बात करता था. इसके बाद उसका झुकाव इस्लाम अपनाने की ओर हो गया. लड़के ने अपने पिता को बताया था कि बद्दो के समझाने पर उसने इस्लाम कबूल भी कर लिया है. इस मामले में मुंब्रा पुलिस और गाजियाबाद पुलिस ने मिलकर शाहनवाज को महाराष्ट्र के अलीबाग से गिरफ्तार किया था. शाहनवाज पर लड़के का जबरन धर्म बदलवाने का आरोप है.
बच्चों को इस्लाम के बारे में जानकारी देता था बद्दो
गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ की गई. इस पूछताछ में उसने बताया कि फोर्टनाईट (Fortnite) गेमिंग ऐप के जरिये साल 2021 में दोनों की जान पहचान हुई थी. इसके बाद एक-दूसरे से बात करने के लिए Discord का इस्तेमाल करने लगे. फिर फोन पर भी बात करने लगे. इसके बाद दोनों ने फोर्टनाईट पर गेम खेलना बंद कर दिया. मगर, 2021 के दिसंबर में दोनों ने Valorant गेम के जरिये फिर गेम खेलना शुरू किया. डिस्कोड ऐप पर शहनवाज की अच्छी रैंकिंग से आकर्षित होकर लड़के उससे चैट करते थे. इसी दौरान शाहनवाज लड़कों को बरगलाता था और चैट में ही इस्लाम धर्म से जुड़ने के फायदे बताता था.
'कुरान पढ़ेगा तो गेम जीत जाएगा'
बता दें कि बहला-फुसलाकर बच्चों का धर्मांतरण करने का ये सारा खेल दो स्टेप में होता था. पहला स्टेप बच्चों के साथ ऑनलाइन गेम खेलना और दूसरे स्टेप में बच्चों से ऐप के जरिए चैटिंग करना और इस्लाम के फायदे बताना. दूसरे स्टेप में हैंडलर हिंदू नामों से आईडी बनाते थे. फिर हिंदू बच्चों को 'Fortnite' गेम खेलने के लिए उकसाते थे. असली खेल तब शुरू होता था, जब बच्चा गेम हार जाता था.
गेम हारने के बाद बच्चे से कहा जाता था कि वो कुरान की आयत पढ़े तो जीत जाएगा. इसके बाद जब बच्चा आयत पढ़कर गेम खेलता तो साजिश के तहत उसे जितवा दिया जाता था. इस तरह बच्चे का मुस्लिम धर्म की तरफ झुकाव बढ़ जाता. इसके बाद दूसरी स्टेप शुरू होती. बच्चे से 'Discord' ऐप के जरिए चैटिंग की जाती. बच्चे का भरोसा जीतकर उसको इस्लाम की जानकारी दी जाती.
अरविंद ओझा