5 KG वजन उठा सकते हैं, 90 मिनट चल सकते हैं… बड़े काम का है डॉग रोबोट, Video 

नोएडा की बॉट वैली में डॉग रोबोट्स के साथ कोबोट्स (cobots) को डिजाइन किया गया है. डॉग रोबोट्स जहां कंस्ट्रक्शन के काम, न्यूक्लियर फैसिलिटी, सर्विलांस, पेट्रोलिंग, डिजास्टर रिलीफ और पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री में इस्तेमाल के लिए बेहतर हैं. वहीं, कोबोट्स चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए तैयार हैं.

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नोएडा में बन रहे हैं वर्ल्ड क्लास रोबोट्स. नोएडा में बन रहे हैं वर्ल्ड क्लास रोबोट्स.

अभि‍षेक आनंद

  • नोएडा ,
  • 08 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 6:46 AM IST

मेक इन इंडिया के तहत भारत में पहली बार विश्वस्तरीय रोबोट बन रहे हैं. इसी कड़ी में नोएडा की बॉट वैली में डॉग रोबोट्स के साथ कोबोट्स (cobots) को डिजाइन किया गया है. डॉग रोबाट्स कुत्ते के साइज के हैं. जिन खतरनाक जगहों पर जहां इंसान को जाने में परेशानी हो, वहां इनको भेजा जा सकता है. 

मुश्किल रास्तों पर चल कर सब कुछ रिकॉर्ड कर सकता है और लाइव फीड भी दे सकता है. Addverb के रिप्रजेंटेटिव अंकुर बताते हैं कि जल्द ही ये रोबोट कंस्ट्रक्शन के काम, न्यूक्लियर फैसिलिटी, सर्विलांस, पेट्रोलिंग, डिजास्टर रिलीफ और पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्री में इस्तेमाल में लिए जा सकेंगे. इसमें थर्मोसेंसर्स भी लगे हुए हैं.

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यहां देखें वीडियो...

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डिफेंस सेक्टर के लिए बड़े काम है ये 'ट्रैकर'

अंकुर ने ही इस रोबोट को डिजाइन किया है. उन्होंने बताया कि हमने इसका नाम ट्रैकर रखा है. अंकुर ने बताया कि डिफेंस सेक्टर में इनका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा सकता है. ये मल्टीपर्पज रोबोट्स हैं, जो डिप्स लगा सकते हैं. कुत्तों की तरह चल सकते हैं. इस तरह के रोबोट्स दुनिया में बहुत कम कंपनियां बनाती हैं. 

सीढ़ियां भी चढ़ सकते हैं, बैलेंस भी बना सकते हैं 

इन पर 5 किलो वजन लादा जा सकता है. बैट्री लाइफ की बात करें, तो ये करीब 90 मिनट तक लगातार काम कर सकते हैं और इस दौरान 5 से 6 किमी तक का सफर कर सकते हैं. इसकी बॉडी के चारों तरफ स्टीरियो कैमरे लगे हैं, तो इसकी मदद से 360 डिग्री की फोटो लेकर मैप बनाया जा सकता है. ऊबड़-खाबड़ सतहों पर भी ये अच्छी तरह से चल सकते हैं. ये सीढ़ियां भी चढ़ सकते हैं और खुद को बैलेंस भी कर सकते हैं. 

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मेडिकल सेक्टर में मदद के लिए बनाए कोबोट्स 

इसके अलावा कोबोट्स को भी डिजाइन किया गया है, जो मेडिकल इंडस्ट्री में तहलका मचाने के लिए तैयार हैं. डॉक्टर के साथ फिसियो थैरेपी में भी ये कोबोट्स मदद करेंगे. इसके अलावा एक और क्रांतिकारी काम ये रोबोट कर सकता है. यह हजारों किलोमीटर दूर से अल्ट्रसाउंड और इमेजिंग का काम कर सकता है. इसकी मदद से महानगरों में बैठे डॉक्टरों को ये सुविधा दे सकता है कि वे दूर दराज के गांव में मरीजों को देखकर उनका इलाज कर सकते हैं. 

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