मायावती ने अखिलेश की तर्ज पर बसपा नेताओं को पहना दी नीली टोपी, लखनऊ मीटिंग में दिखा ऐसा नजारा

बीएसपी प्रमुख मायावती ने लखनऊ में मुस्लिम-दलित गठबंधन मजबूत करने के लिए मुस्लिम भाईचारा संगठन की विशेष बैठक बुलाई. इस बैठक में 2027 विधानसभा चुनाव की रणनीति पर मंथन किया और पार्टी कार्यकर्ताओं को नीली टोपी पहनाई. इस कमेटी का गठन मुस्लिम समुदाय को पार्टी से जोड़ने के लिए किया गया है.

Advertisement
मायावती ने बसपा नेताओं को पहनाई नीली टोपी. (Photo: ITG) मायावती ने बसपा नेताओं को पहनाई नीली टोपी. (Photo: ITG)

समर्थ श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 29 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 2:45 PM IST

बीएसपी प्रमुख मायावती ने लखनऊ में पार्टी के स्टेट कार्यालय में मुस्लिम भाईचारा संगठन की विशेष बैठक बुलाई. इस बैठक में मायावती ने 'MD फैक्टर' (मुस्लिम-दलित) को मजबूत करने पर जोर दिया. इस दौरान बसपा के नेताओं को अखिलेश यादव की तर्ज पर नीली टोपी पहनाई हुई थी. उन्होंने नीली टोपी पहने हुए दर्जनों बसपा नेताओं को मंच पर बुलाया और खुद भी नीली टोपी पहनी.

Advertisement

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मायावती ने बैठक में 2027 विधानसभा चुनाव की रणनीति पर मंथन किया, जिसमें मुस्लिम समुदाय को पार्टी से जोड़ने और SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) पर चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों पर जवाब तैयार करने पर फोकस रहा.

मायावती के निर्देश पर पहले चरण में मंडल स्तर पर मुस्लिम भाईचारा कमेटियों का गठन किया गया है. इन कमेटियों में दो मुस्लिम और दो अनुसूचित जाति वर्ग के नेताओं को शामिल किया गया है, ताकि सामाजिक प्रतिनिधित्व संतुलित रहे. अब अगला चरण बूथ स्तर तक इन कमेटियों के विस्तार किया जाएगा.

सूत्रों के अनुसार, पार्टी चाहती है कि मुस्लिम भाईचारा कमेटियों का गठन तेजी से पूरा हो ताकि आगामी महीनों में राजनीतिक रणनीति को अमल में लाया जा सके.

वहीं, ओबीसी भाईचारा कमेटियों के गठन में छह माह का समय लगने की संभावना के चलते बसपा ने मुस्लिम कमेटियों को प्राथमिकता दी है. बैठक में इनके कार्यक्षेत्र और जिम्मेदारियों पर विस्तार से चर्चा की गई है.

Advertisement

बसपा का ये कदम मुस्लिम और ओबीसी समुदाय के बीच संवाद और जुड़ाव को गहराने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. पार्टी मानती है कि भाईचारा कमेटियों के माध्यम से जमीनी स्तर पर संपर्क बढ़ाकर 2027 के चुनावी समीकरणों में फिर से अपनी स्थिति मजबूत की जा सकती है. वहीं, एक नवंबर को होने वाली अगली बैठक में ओबीसी भाईचारा कमेटियों के विस्तार पर मंथन होगा.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement