वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम ने 2-0 से जीती. जहां रवींद्र जडेजा 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' रहे. वहीं जडेजा का इससे पहले इंग्लैंड सीरीज में भी प्रदर्शन शानदार रहा था.
रवींद्र जडेजा का टेस्ट डेब्यू दिसंबर 2012 में हुआ. रोहित शर्मा को टेस्ट डेब्यू नवंबर 2013 में हुआ. विराट कोहली का टेस्ट डेब्यू जून 2011 में हुआ. मतलब जडेजा, रोहित और कोहली के टेस्ट डेब्यू में लगभग 1-1 साल का अंतर है.
रोहित और विराट ने मई 2024 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया. 7 मई को तो 10 मई को विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा.
लेकिन इन सबके बीच जडेजा का टेस्ट क्रिकेट में सफर जारी है. जडेजा ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया और और कुल 104 रन और 8 विकेट्स के साथ प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड अपने नाम किया.
वहीं जडेजा के इस प्रदर्शन को लेकर उनके आलोचक यह कह सकते हैं कि वो हमेशा से घरेलू मैदानों पर चलते हैं. पर थोड़ा रुकिए...
क्योंकि जडेजा का प्रदर्शन इंग्लैंड के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज में भी धमाकेदार रहा था. वहां तो वो अलग ही फ्लो में दिख रहे थे. तेंदुलकर-एंडरसन सीरीज 2025 में उन्होंने 5 मैचों की 10 पारियां में 516 रन बनाए. ओवल टेस्ट जिसे भारतीय टीम ने 6 रनों से जीता वहां उन्होंने दूसरी पारी में 53 रन बनाए.
मैनचेस्टर टेस्ट जिसे भारतीय टीम ने ड्रॉ किया, वहां भी जडेजा के बल्ले से 107 रन नाबाद आए. वहीं बर्मिंघम टेस्ट की दोनों पारियों में जडेजा ने 89 और 69 रन बनाए.
कुल मिलाकर जडेजा उस दौरे में शुभमन गिल के बाद रन बनाने वाले खिलाड़ियों के मामले में चौथे नंबर पर थे. वहीं इंग्लैंड की जिन पिचों पर पेसर हावी थे, वहां जडेजा ने 7 विकेट भी पांच टेस्ट मैच के दौरान अपने नाम किए. यानी साफ है कि बतौर बल्लेबाज जडेजा ने जो काम इंग्लैंड की धरती पर किया, वह टीम इंडिया के लिए प्लस साबित हुआ.
अब जडेजा ने वेस्टइंडीज के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज में भी अपना दम दिखाया. अहमदाबाद टेस्ट में उन्होंने नाबाद 104 रन बनाए और 4 विकेट झटके. वहीं दिल्ली टेस्ट में उनको बल्लेबाजी का मौका तो नहीं मिला, लेकिन उन्होंने 4 विकेट जरूर अपने नाम कर लिए. कुल मिलाकर जड्डू ने एक चीज तो दिखा दी कि उनके अंदर आग बाकी है.
प्लेयर ऑफ द सीरीज जडेजा ने क्या कहा?
रवींद्र जडेजा ने अपनी शानदार प्रदर्शन के दम पर टीम इंडिया को बड़ी जीत दिलाई. 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' बने जडेजा ने कहा कि अश्विन के गैरमौजूदगी में उन्हें गेंदबाजी करने का मौका मिला और टीम ने हर विभाग में बेहतरीन खेल दिखाया.
उन्होंने बताया कि गौतम गंभीर ने उन्हें नंबर 6 पर बल्लेबाजी करने का मौका दिया, जिससे अब उनका फोकस सिर्फ लंबे समय तक बल्लेबाजी करने पर है. जडेजा ने यह भी कहा कि उन्हें रिकॉर्ड के बारे में ज्यादा नहीं सोचते, उनका मकसद हमेशा टीम के लिए योगदान देना है. यह उनके करियर का तीसरी 'प्लेयर ऑफ द सीरीज ट्रॉफी' है, इसे घर लेकर लौटकर वे बहुत खुश हैं.
वनडे टीम में नहीं मिला था जडेजा को मौका
रोहित शर्मा और विराट कोहली को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए वनडे टीम में जगह दी गई थी, लेकिन रवींद्र जडेजा को मौका नहीं मिला. जडेजा फरवरी 2009 से भारत के लिए वनडे क्रिकेट खेलते आ रहे हैं. जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे टीम से उनको बाहर रखा गया था, तो जडेजा ने स्पष्ट किया कि 2027 वर्ल्ड कप में खेलना उनका टारगेट है और वे आगे भी कड़ी मेहनत करते रहेंगे.
aajtak.in