दुनियाभर में पुरुष आमतौर पर महिलाओं से लंबे होते हैं. अब वैज्ञानिकों ने इस शारीरिक अंतर के पीछे एक प्रमुख जेनेटिक कारण खोज निकाला है. पेनसिल्वेनिया के गीसिंगर कॉलेज ऑफ हेल्थ साइंसेज की एक टीम ने तीन बड़े स्वास्थ्य डेटाबेस का अध्ययन कर पाया कि SHOX (शॉर्ट-स्टैचर होमोबॉक्स) जीन पुरुषों और महिलाओं की ऊंचाई में अंतर का एक बड़ा कारण है. यह खोज न केवल ऊंचाई के रहस्य को सुलझाती है, बल्कि भविष्य में लिंग-आधारित बीमारियों को समझने में भी मदद कर सकती है.
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SHOX जीन क्या है?
SHOX जीन X और Y क्रोमोसोम दोनों पर पाया जाता है. पुरुषों में एक X और एक Y क्रोमोसोम होता है, जबकि महिलाओं में दो X क्रोमोसोम होते हैं. लेकिन महिलाओं में एक X क्रोमोसोम (जिसे निष्क्रिय X क्रोमोसोम या Xi कहते हैं) कम सक्रिय होता है, ताकि जीन की अधिकता से जटिलताएं न हों. इस अध्ययन में पाया गया कि...
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Y क्रोमोसोम पर SHOX जीन ज्यादा सक्रिय होता है, जिससे पुरुषों को औसतन 3.1 सेमी (1.2 इंच) अतिरिक्त ऊंचाई मिलती है. निष्क्रिय X क्रोमोसोम पर SHOX जीन की कम सक्रियता के कारण महिलाओं की ऊंचाई कम रहती है.
अध्ययन कैसे हुआ?
वैज्ञानिकों ने यूके और अमेरिका के तीन बड़े स्वास्थ्य डेटाबेस से 1,225 लोगों के डेटा का विश्लेषण किया, जिनके पास असामान्य क्रोमोसोम संयोजन थे. इन डेटा को ऊंचाई के साथ जोड़ा गया, जिससे पता चला कि SHOX जीन का प्रभाव पुरुषों में ज्यादा होता है.
अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष...
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ऊंचाई में अंतर के अन्य कारण
ऊंचाई केवल जेनेटिक्स पर निर्भर नहीं है. कुछ अन्य कारक भी हैं...
आनुवंशिकी: लंबे माता-पिता के बच्चे आमतौर पर लंबे होते हैं.
हार्मोन: पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा ज्यादा होती है, जो ऊंचाई बढ़ाने में मदद करता है.
पर्यावरण: पोषण, स्वास्थ्य सेवाएं और देश की आर्थिक स्थिति भी ऊंचाई को प्रभावित करती हैं.
इस खोज का महत्व
यह अध्ययन सिर्फ ऊंचाई के अंतर को समझने तक सीमित नहीं है. इसके कई दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं...
वैज्ञानिकों का दावा
शोधकर्ताओं का कहना है कि Y क्रोमोसोम पर SHOX जीन की ज्यादा सक्रियता और निष्क्रिय X क्रोमोसोम पर इसकी कम सक्रियता पुरुषों और महिलाओं की ऊंचाई में अंतर का प्रमुख कारण है. यह मानव शरीर की लिंग-आधारित विशेषताओं को समझने में एक बड़ा कदम है.
भविष्य की संभावनाएं
चिकित्सा अनुसंधान: लिंग-आधारित शारीरिक और मानसिक बीमारियों के कारणों को समझने में.
जेनेटिक अध्ययन: अन्य शारीरिक विशेषताओं (जैसे वजन, ताकत) में लिंग अंतर को समझने में.
स्वास्थ्य नीतियां: ऊंचाई और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर बेहतर नीतियां बनाने में.
आजतक साइंस डेस्क