पहली बार गर्भ में की गई भ्रूण की ब्रेन सर्जरी, खतरनाक बीमारी का हुआ सफल इलाज

बच्चे में जन्म के बाद, लॉन्ग टर्म ब्रेन डैमेज, विकलांगता या मृत्यु का खतरा न हो, इसके लिए बच्चे के जन्म लेने से पहले ही उसकी ब्रेन सर्जरी कर दी गई. गर्भ में ही भ्रूण का सफल ऑपरेशन करके, डॉक्टर्स ने इस गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों के भविष्य को संवारने का काम किया है.

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गर्भावस्था के 34वें सप्ताह में की गई सर्जरी (Photo: Getty) गर्भावस्था के 34वें सप्ताह में की गई सर्जरी (Photo: Getty)

aajtak.in

  • बॉस्टन,
  • 07 मई 2023,
  • अपडेटेड 9:49 AM IST

मेडिकल साइंस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि डॉक्टर्स ने गर्भ में पल रहे भ्रूण की ब्रेन सर्जरी की हो. यह सर्जरी पूरी तरह से सफल रही. ऐसा करके डॉक्टर्स ने बच्चे के विकसित हो रहे मस्तिष्क में पनपने वाले एक घातक डिसऑर्डर को दूर कर दिया है. 

स्ट्रोक (Stroke) में प्रकाशित हुए शोध के मुताबिक, इस सर्जरी के लिए अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल किया गया . भ्रूण का ऑपरेशन गर्भावस्था के 34वें सप्ताह में किया गया. भ्रूण में गैलेन मैलफॉर्मेशन (Galen malformation) का पता लगा था, जो अक्सर घातक और आक्रामक होता है.

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इसमें मस्तिष्क के अंदर धमनियां (Arteries) शामिल होती हैं जो पहले कैपिलरी (Capillaries) से गुजरने के बजाय सीधे नसों से जुड़ती हैं. कैपिलरी को खास तौर पर ब्लड प्रोशर को धीमा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसलिए इस विकृति का नतीजा होता बहुत ज़्यादा ब्लड प्रोशर क्योंकि यह सीधे नसों में जाता है. इससे जन्म के दौरान और जन्म के बाद, मस्तिष्क और हृदय को बहुत ज़्यादा तनाव होता और इससे पल्मोनरी हाइपरटेंशन, हार्ट फेलियर और अन्य जानलेवा परिस्थितियां पैदा हो सकती थीं. 

गर्भावस्था के दौरान इसका इलाज किया जाता है और आमतौर पर एंडोवस्कुलर एम्बोलाइज़ेशन नाम की प्रक्रिया द्वारा इलाज किया जाता है. सर्जनों ने इसी तरह की सर्जरी पहले भी की थी, लेकिन ये पहली बार था कि इसे पूरी तरह से गर्भाशय में किया गया था. यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की देखरेख में, वे भ्रूण के मस्तिष्क में उच्च दबाव वाली ब्लड वेसल्स को ब्लॉक करने में कामयाब रहे, जिससे जन्म के दौरान दबाव बढ़ने से रोका जा सके.

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सर्जरी के बाद, बच्चे का जन्म हुआ और उसे कोई समस्या नहीं है.बॉस्टन चिल्ड्रन हॉस्पिटल में सेरेब्रोवास्कुलर सर्जरी एंड इंटरवेंशन सेंटर के सह-निदेशक और शोध के मुख्य लेखक डैरेन बी. ओरबैक (Darren B. Orbach) का कहना है कि हमारे क्लिनिकल ट्रायल में, हम जन्म से पहले गैलेन विकृति के लिए अल्ट्रासाउंड से जुड़ा ट्रांस्यूटेराइन एम्बोलिज़ेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं. हम यह देखकर उत्साहित थे कि आमतौर पर जन्म के बाद देखी जाने वाली चीज़ें अब दिखाई नहीं दे रही हैं. 

उन्होंने कहा कि हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि छह सप्ताह में, शिशु बिना किसी दवा के बहुत अच्छी प्रोग्रेस कर रहा है. वह सामान्य रूप से खा रहा है, उसका वजन बढ़ रहा है और अब वह घर वापस आ गया है. उसके मस्तिष्क पर किसी नकारात्मक प्रभाव का कोई प्रभाव नहीं हैं.

 

जन्म के बाद, बच्चे को किसी कार्डियोवस्कुलर सपोर्ट की जरूरत नहीं थी और सभी न्यूरोलॉजिकल स्कैन सामान्य थे. अब उम्मीद है कि और भी बच्चों को इस प्रक्रिया से इलाज मिल सकेगा. जो शिशुओं में लॉन्ग टर्म ब्रेन डैमेज, विकलांगता या मृत्यु के खतरे को साफ तौर पर कम कर सकता है.

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