9000 साल पहले सहारा रेगिस्तान में था समंदर, प्राचीन गुफा पेंटिंग से हुआ खुलासा

प्राचीन गुफा में पत्थरों पर एक पेंटिंग ने यह खुलासा किया कि सहारा रेगिस्तान में कभी समंदर था. इस पेंटिंग में दो इंसान तैरते हुए दिखाए गए हैं. जांच में पता चला कि यह पेंटिंग 6 से 9 हजार साल पुरानी है. तभी इस जगह पर पानी की मात्रा काफी ज्यादा थी.

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ये है उन दो तैरते हुए इंसानों की रॉक पेंटिंग, जिसे केव ऑफ स्विमर्स में देखा गया है. (फोटोः रोलैंड उंगर/विकिमीडिया) ये है उन दो तैरते हुए इंसानों की रॉक पेंटिंग, जिसे केव ऑफ स्विमर्स में देखा गया है. (फोटोः रोलैंड उंगर/विकिमीडिया)

आजतक साइंस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 5:03 PM IST

मिस्र के पश्चिमी रेगिस्तानी इलाके में मौजूद है केव ऑफ स्वीमर्स (Cave Of Swimmers) यानी तैराकों की गुफा. असल में यह गुफाओं में बनाई गई रॉक पेंटिंग की वजह से प्रसिद्ध है. यह पेंटिंग उस समय के तैराक लोगों ने बनाई थी. यहां कई पेंटिंग्स हैं लेकिन एक खास पेंटिंग वो है, जिसमें दो लोग तैरते हुए दिखाई दे रहे हैं. 

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माना जाता है कि इस पेंटिंग को 6 से 9 हजार साल पहले बनाया गया था. उस समय सहारा रेगिस्तान समंदर था. वह सूखा नहीं था. वहां सिर्फ रेत ही रेत नहीं थी. हरियाली थी. असल में यह पेंटिंग सैंडस्टोन से भरे गिल्फ कीबर पठार पर मौजूद एक गुफा में है. यह पठार दक्षिण-पश्चिम मिस्र से दक्षिण-पूर्व लीबिया तक फैला है. 

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यहां और भी ऐसे सबूत मिले हैं, जिससे पता चलता है कि इस इलाके में भारी मात्रा में पानी मौजूद था. यह बंजर और सूखी धरती नहीं थी. इस जगह की खोज सबसे पहले 1926 में यूरोपियन कार्टोग्राफ्र लास्लो अलमासी ने किया था. जब उन्होंने दो छिछली गुफाएं इन पठारों पर देखीं. उनमें इंसानों और जानवरों पर बनाई गई पेंटिंग मौजूद थी. 

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लेकिन एक ही पेंटिंग ने सबको अपनी ओर खींच लिया. ये पेंटिंग थी एक जोड़ा इंसानों की जो तैर रहे थे. जांच करने पर पता चला कि जिस समय यह पेंटिंग बनाई गई थी. उस समय सहारा रेगिस्तान में समंदर था. या फिर पानी के बहुत सारे स्रोत थे.

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