Vivah Panchami date 2025: 24 या 25 नवंबर, कब मनाई जाएगी विवाह पंचमी? जानें यहां से सही तिथि

Vivah Panchami date 2025: विवाह पंचमी का पर्व भगवान राम और देवी सीता की शादी की सालगिरह का प्रतीक है, जो प्रत्येक साल मार्गशीर्ष महीने में शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाता है. इस दिन भक्त भगवान राम और देवी सीता की पूजा करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन का उपवास रखने से भक्तों को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है.

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विवाह पंचमी 2025 कब है? (Photo: AI Generated) विवाह पंचमी 2025 कब है? (Photo: AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:15 AM IST

Vivah Panchami date 2025: हिंदू धर्म में विवाह पंचमी बहुत ही खास त्योहार मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान राम ने मां सीता से विवाह किया था. इस तिथि को श्रीराम विवाहोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है. इसकी विवाह पंचमी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह भगवान राम और माता सीता की शक्ति का प्रतीक माना जाता है. ये दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान राम और मां सीता का विवाह करवाना शुभ होता है. इस बार विवाह पंचमी का पर्व 25 नवंबर 2025, मंगलवार के दिन मनाया जाएगा. 

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विवाह पंचमी 2025 तिथि (Vivah Panchami 2025 Tithi)

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की पंचमी तिथि का प्रारंभ 24 नवंबर को रात 9 बजकर 22 मिनट पर होगा और तिथि का समापन 25 नवंबर को रात 10 बजकर 56 मिनट पर होगा. इसलिए, उदयातिथि के अनुसार, विवाह पंचमी 25 नवंबर को ही मनाई जाएगी. 

विवाह पंचमी पर कैसे करवाएं श्रीराम और माता सीता का विवाह?

विवाह पंचमी के दिन सुबह स्नान करके श्रीराम विवाह का संकल्प लें, स्नान करके विवाह के कार्यक्रम का आरंभ करें. श्रीराम, माता सीता की प्रतिकृति की स्थापना करें, श्रीराम को पीले, मां सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें. फिर, बालकांड में विवाह प्रसंग का पाठ करें या ऊं जानकीवल्लभाय नम: का जाप करें. उसके बाद, माता सीता और भगवान राम का गठबंधन करें, आरती करें, गांठ लगे वस्त्रों को सुरक्षित रख लें.  

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विवाह पंचमी के दिन करें ये काम

- अगर विवाह होने में बाधा हो रही है तो इस दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा करने से मनचाहे विवाह का वरदान मिल सकता है.

- वैवाहिक जीवन की समस्याओं का अंत भी हो जाता है, भगवान राम और माता सीता की संयुक्त उपासना से विवाह में आ रही बाधाओं का नाश होता है.

- इस दिन बालकांड में भगवान राम और मां सीता के विवाह प्रसंग का पाठ करना भी शुभ होता है. 

- इस दिन संपूर्ण रामचरित मानस के पाठ से पारिवारिक जीवन सुखमय होता है. 

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