Shabari Jayanti 2021: शबरी जयंती आज, जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त

हिन्दू धर्म में की मान्यताओं के अनुसार, शबरी की भक्ति को पूर्ण करने के लिए भगवान श्रीराम ने उनके जूठे बेर खाए थे. इसलिए हर साल शबरी जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 1:34 PM IST
  • क्यों भगवान श्रीराम ने शबरी के जूठे बेर खाए थे?
  • राम की असीम कृपा से शबरी को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी

Shabari Jayanti 2021: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शबरी जयंती मनाई जाती है. हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, शबरी की भक्ति को पूर्ण करने के लिए भगवान श्रीराम ने उनके जूठे बेर खाए थे. इसलिए हर साल शबरी जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है. भक्त माता शबरी की स्मृति यात्रा निकालते हैं और पूरे विधि विधान से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. इस बार शबरी जयंती शुक्रवार, 5 मार्च को यानी आज मनाई जा रही है.

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शबरी जयंती का शुभ मुहूर्त- शबरी जयंती इस बार गुरुवार, 4 मार्च को रात 09 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर अगले दिन यानी 5 मार्च को शाम 7 बजकर 54 मिनट तक रहेगी.

शबरी जयंती का महत्व- हिन्दू धर्म में शबरी जयंती का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान राम की असीम कृपा पाकर माता शबरी को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी. शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर ही माता शबरी को उनकी भक्ति के परिणामस्वरूप मोक्ष मिला था. तभी से हिन्दू धर्म में शबरी जयंती के पर्व को भक्ति और मोक्ष का प्रतीक मानकर बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है.

शबरी की राम से मुलाकात- शबरी भी अपना घर त्यागकर जंगलों में भटकने लगी. इस दौरान किसी ने भी उनकों अपने आश्रम में शिक्षा नहीं दिया. उसके बाद वह मतंग ऋषि के आश्रम पहुंची. जहां मंगत ऋषि ने शबरी के गुरू भाव से प्रसन्न होकर अपना शरीर त्यागने से पहले यह आशीर्वाद दिया कि भगवान श्री राम उनसे मिलने आएंगे. इसके बाद शबरी को मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी. शबरी ने पूरा जीवन भगवान श्री राम की प्रतीक्षा की. राम ने जब माता शबरी को दर्शन दिए तो उनके जूठे बेर खान के बाद उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें मोक्ष प्रदान किया था.

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