क्या शशि थरूर और मनीष तिवारी ये बता रहे हैं कि कांग्रेस देश की बात नहीं करती?

संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर हुई बहस में शशि थरूर और मनीष तिवारी शामिल नहीं थे. कांग्रेस के वक्ताओं की सूची में दोनों नेताओं को जगह नहीं मिली. खबर है कि शशि थरूर कांग्रेस की राजनीतिक लाइन के लिए ऑपरेशन सिंदूर पर अपना स्टैंड बदलने को तैयार नहीं हुए - और, मनीष तिवारी का मामला भी ऐसा ही लगता है.

Advertisement
शशि थरूर, मनीष तिवारी और प्रियंका गांधी वाड्रा संसद जाते हुए. (Photo: PTI) शशि थरूर, मनीष तिवारी और प्रियंका गांधी वाड्रा संसद जाते हुए. (Photo: PTI)

मृगांक शेखर

  • नई दिल्ली,
  • 01 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:36 PM IST

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर जमकर बहस हुई. बहस में विपक्ष और सत्ता पक्ष ने शिद्दत से हिस्सा लिया. खूब सवाल जवाब भी हुए, लेकिन दो सांसद ऐसे भी रहे जो विदेश दौरे पर भेजे गये डेलिगेशन का हिस्सा तो थे, लेकिन संसद में हुई बहस चुपचाप सुनते रहे. 

ये थे शशि थरूर और मनीष तिवारी, दोनों ही कांग्रेस से सीनियर सांसद हैं. संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले कांग्रेस के वक्ताओं की लिस्ट में नाम न होने पर सवाल उठने लगे. 

Advertisement

शशि थरूर और मनीष तिवारी दोनों ही नेताओं ने उठते सवालों पर अपने अपने तरीके से रिएक्ट भी किया. शशि थरूर तो कैमरे के सामने बोले भी, मनीष तिवारी ने सोशल साइट एक्स पर कांग्रेस के वक्ताओं की सूची शेयर करते हुए एक देशभक्ति आधारित फिल्म के गीत की कुछ लाइनें लिखकर अपनी बात कही.

दोनों नेताओं को संसद में बोलने का मौका न देने के पीछे की जो वजह सामने आ रही है, वो भी काफी अजीब है. ऐसा नहीं है कि कांग्रेस शशि थरूर को बोलने से रोकना चाह रही थी, लेकिन उनको पार्टीलाइन क्रॉस करने की मनाही जरूर थी, जिसके लिए वे तैयार नहीं हुए. 

क्या शशि थरूर और मनीष तिवारी ने देश के नाम पर अपनी ही पार्टी कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर दिया है?

बहस के बीच शशि थरूर का ‘मौन व्रत’

Advertisement

ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ये दूसरा मौका था जब कांग्रेस की सूची से शशि थरूर का नाम नदारद था. विदेश दौरे पर भेजे जाने वाले सांसदों की कांग्रेस की सूची में भी शशि थरूर का नाम शामिल नहीं था. 

कांग्रेस ने तो डेलिगेशन का नेतृत्व करने वाले सात सांसदों की सरकारी सूची में शशि थरूर का नाम देखकर आपत्ति जताई थी. कांग्रेस का कहना था कि जो सूची दी गई थी, सरकार ने उनको लिया ही नहीं. हालांकि, बाद में बातचीत से मामला सुलझा भी लिया गया था. 
 
ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश का दौरा करने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में से एक ग्रुप की अगुवाई शशि थरूर कर रहे थे और उन्होंने विदेश में पुरजोर तरीके ऑपरेशन का समर्थन किया था. 

संसद में चर्चा के दौरान कांग्रेस के वक्ताओं की सूची में नाम नहीं होने को लेकर पूछे जाने पर शशि थरूर की कैमरे पर प्रतिक्रिया थी, ‘मौन व्रत...मौन व्रत’ और हंसते हुए वो सदन के अंदर चले गए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चर्चा के दौरान विदेश दौरे पर गये भारतीय प्रतिनिधिमंडल का जिक्र किया. मोदी ने बगैर किसी का नाम लिए कहा कि कांग्रेस के कुछ नेताओं को बोलने तक नहीं दिया गया. प्रधानमंत्री के भाषण के बीच प्रसंग आने पर शशि थरूर मुस्कुराते नजर आए.

Advertisement

अब अंदर से खबर ये आई है कि राहुल गांधी के ऑफिस और कांग्रेस पार्टी की तरफ से शशि थरूर से ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर लोकसभा में बोलने के लिए पूछा गया था, लेकिन शशि थरूर ने खुद ही बोलने से इनकार कर दिया था.

बताते हैं, शशि थरूर का साफ तौर पर कहना था कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार पर हमला करने के लिए वो पार्टी लाइन के साथ खड़े नहीं हो सकते. वो अपनी बात पर ही कायम रह सकेंगे, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर को सफल बताया है. भला कांग्रेस को ये कैसे मंजूर हो. कांग्रेस के वक्ताओं की सूची में शशि थरूर को जगह नहीं मिली.

X पर आई मनीष तिवारी के मन की बात

शशि थरूर की तरह मनीष तिवारी भी G-23 के सदस्य रहे हैं, और अक्सर वो अपना अलग स्टैंड भी लेते हैं. ऑपरेशन सिंदूर के मुद्दे पर कांग्रेस के वक्ताओं की सूची में जगह न मिलने पर मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया पर मनोज कुमार की फिल्म ‘पूरब और पश्चिम’ के एक गीत की कुछ लाइनें शेयर की, ‘है प्रीत जहां की रीत सदा… मैं गीत वहां के गाता हूं, भारत का रहने वाला हूं… भारत की बात सुनाता हूं.’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जब संसद के अंदर जा रही थीं, तो मनीष तिवारी गेट के पास खड़े थे. दोनों आमने सामने से मिले भी, और कुछ बात भी हुई. इस छोटी सी मुलाकात का एक वीडियो वायरल हुआ है. 

Advertisement

मनीष तिवारी ने अपनी बात रख दी है. उनका नजरिया समझने की कोशिश करें, तो वो खुद को देश के साथ खड़ा बताते हैं. मतलब, कांग्रेस की पॉलिटिकल लाइन उसके खिलाफ है, यानी देश के खिलाफ है - और शशि थरूर ने भी ऐसा ही संकेत दिया है. 

मनीष तिवारी की X पोस्ट के बारे में पूछे जाने पर मीडिया से वो कहते हैं, अंग्रेजी की एक कहावत है… अगर आप मेरी खामोशी को नहीं समझ सकते तो आप मेरे शब्दों को भी नहीं समझ पाएंगे.

मीडिया के कुरेदने पर पर कहते है, जवाब आप खुद ढूंढ लें.

क्या मनीष तिवारी और शशि थरूर ने कांग्रेस को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है - क्या कांग्रेस, मनीष तिवारी और शशि थरूर की नजर में, देश की बात नहीं करती? 

Read more!
---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement