लखनऊ से आम आदमी पार्टी को समर्थन के ऐलान के बाद अखिलेश यादव दिल्ली की सड़कों पर भी उतर चुके हैं. दिल्ली में अखिलेश यादव ने अरविंद केजरीवाल के साथ रोड शो किया है - और हाथ में झाड़ू लेकर दिल्लीवालों से बीजेपी का सफाया करने की अपील की है.
रोड शो के दौरान अखिलेश यादव न तो राहुल गांधी का नाम लिया, और न ही कहीं कांग्रेस को सीधे सीधे टार्गेट करने की कोशिश की, जबकि साथ चल रहे अरविंद केजरीवाल कांग्रेस और बीजेपी में ईलू-ईलू का खेल समझाने में लगे रहे, लेकिन लोगों को वोट बर्बाद न करने की सलाह देकर थोड़ा संशय जरूर पैदा कर दिया है - क्या अखिलेश यादव के निशाने पर कांग्रेस भी है.
अखिलेश यादव दिल्ली में कांग्रेस या राहुल गांधी का नाम भले न ले रहे हों, लेकिन अरविंद केजरीवाल का समर्थन करके कांग्रेस के खिलाफ कदम तो बढ़ा ही दिया है. जिस तरह से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ राहुल गांधी ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है, अखिलेश यादव का स्टैंड तो पूरी तरह कांग्रेस के खिलाफ ही जाता है. अखिलेश यादव का ये कदम इंडिया ब्लॉक के साथ साथ कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के चुनावी गठबंधन पर भी असर डालने वाला है. क्योंकि, मिल्कीपुर उपचुनाव में कांग्रेस पहले ही समाजवादी पार्टी के समर्थन की घोषणा कर चुकी है.
अरविंद केजरीवाल का सपोर्ट ममता बनर्जी ने भी अखिलेश यादव की ही तरह किया है, लेकिन अभी तक उनका दिल्ली दौरा नहीं हुआ है. वैसे भी अब चुनाव प्रचार का आखिरी दौर ही चल रहा है.
केजरीवाल के साथ, कांग्रेस के खिलाफ
दिल्ली में अखिलेश यादव आम आदमी पार्टी के लिए वोट मांग रहे थे, तो यूपी के मिल्कीपुर में डिंपल यादव समाजवादी प्रत्याशी अजीत प्रसाद के लिए रोड शो कर रही थीं.
देखा जाये तो अखिलेश यादव के लिए अरविंद केजरीवाल के सपोर्ट से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण मिल्कीपुर उपचुनाव है. दोनो जगह 5 फरवरी को ही वोटिंग होनी है. योगी आदित्यनाथ मिल्कीपुर जीतकर अखिलेश यादव से अयोध्या में बीजेपी की हार का बदला लेने में जुटे हैं. मिल्कीपुर जीतना अखिलेश यादव के लिए इसलिए भी जरूरी है क्योंकि हाल ही में यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने 7 सीटें पहले ही झटक डाली है.
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने दिल्ली के रोड शो में कहा कि आम आदमी पार्टी वाले फिर से, अपनी झाड़ू से बीजेपी की बेइमानी का सफाया करेंगे. अखिलेश यादव ने कहा, जिस तरह से आम आदमी पार्टी ने शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली-पानी के क्षेत्र में काम किया है, पूरी दुनिया उसका स्टडी करना चाहती है… बीजेपी को हराने के लिए आपको एक-एक वोट झाड़ू पर डालना है.
दिल्लीवालोंं से अपील में अखिलेश यादव ने एक ऐसी बात कही है, जो यूं ही कांग्रेस को भी लपेट लेती है. अखिलेश यादव भी दिल्लीवालों को वैसे ही अपना वोट बर्बाद न करने की सलाह दे रहे हैं, जैसे बीजेपी नेता.
फर्क बस ये है कि बीजेपी नेता इस मामले में कांग्रेस का नाम ले रहे हैं, और अखिलेश यादव बीजेपी का - और इस लिहाज से उनको संदेह का लाभ भी मिलता है.
क्या अखिलेश यादव के निशाने पर कांग्रेस भी है
अखिलेश यादव कहते हैं, आप लोगों का वोट खराब नहीं होना चाहिये. हालांकि, वो फौरन बीजेपी का नाम भी ले लेते हैं. और, सभी 70 सीटों पर आम आदमी पार्टी को वोट देने की अपील कर रहे हैं - ऐसा करके अखिलेश यादव ने ये सवाल तो छोड़ ही दिया है कि कांग्रेस को वोट देना बर्बाद करना ही है.
माना जा रहा है कि अखिलेश यादव, आम आदमी पार्टी की तरफ से बीजेपी को योगी आदित्यनाथ का जवाब हैं. अव्वल तो पूर्वांचल से आने वाले वोटर के बीच दोनो ही नेताओं का खास प्रभाव है, लेकिन पॉलिटिकल लाइन में बड़ा फर्क भी है.
योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल के लोगों को हिंदुत्व के एजेंडे के साथ साधने की कोशिश करेंगे, तो अखिलेश यादव का अपना यादव-मुस्लिम फैक्टर है, या फिर पीडीए फॉर्मूला - देखना है दिल्ली में ये सब कितना कारगर होता है.
सबसे बड़ा सवाल है कि कांग्रेस को नुकसान पहुंचाये बगैर अखिलेश यादव भला अरविंद केजरीवाल की मदद कैसे कर सकते हैं? ये सवाल इसलिए उठता है क्योंकि अखिलेश यादव सीधे सीधे कांग्रेस या राहुल गांधी को टार्गेट नहीं कर रहे हैं.
अखिलेश यादव का पूर्वांचल के बाकी वोटर पर असर हो न हो, लेकिन मुस्लिम बहुल आबादी वाली सीटों पर उनकी अपील का कुछ न कुछ प्रभाव तो पड़ ही सकता है. कहने को तो AIMIM वाले असदुद्दीन ओवैसी भी मुस्तफाबाद में 2020 के दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन को चुनाव लड़ा रहे हैं - और ये सब होने से मुस्लिम वोटों में होने वाला बंटवारा तो कांग्रेस का नुकसान ही है.
मृगांक शेखर