IAS संतोष वर्मा के बाद अब IAS मीनाक्षी सिंह का विवादित वीडियो वायरल, सवर्ण समाज में उबाल

IAS अफसर संतोष वर्मा के विवादित बयान की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि मध्य प्रदेश की एक और महिला आईएएस मीनाक्षी सिंह का वीडियो सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल गया है.

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IAS मीनाक्षी सिंह ने भोपाल में दिया था विवादित बयान.(Photo:Screengrab) IAS मीनाक्षी सिंह ने भोपाल में दिया था विवादित बयान.(Photo:Screengrab)

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल,
  • 19 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:18 PM IST

IAS संतोष वर्मा के सवर्ण समाज पर दिए गए विवादित बयान के बाद अब एक और आईएएस अधिकारी का वीडियो सामने आया है. इस बार यह वीडियो IAS अफसर मीनाक्षी सिंह का है, जिसमें वह जातिगत पहचान और जातिवाद को समय की जरूरत बता रही हैं. वीडियो में उन्होंने कहा है कि आज के दौर में जाति को पहचानना और उसी आधार पर एक-दूसरे का सहयोग करना जरूरी हो गया है. सवर्ण समाज के लोग सरनेम (उपनाम) देखकर पक्षपात करते हैं और यही मानसिकता हमें भी अपनानी होगी. अपने समाज के लोगों को पहचान कर उनकी मदद करनी चाहिए.

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यह वीडियो भी 23 नवंबर को भोपाल के अंबेडकर पार्क में आयोजित अजाक्स सम्मेलन का ही है जो अब वायरल हुआ है. IAS मीनाक्षी सिंह ने इसी सम्मेलन में कहा कि 'अजाक्स को केवल एक संगठन तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि पूरे समाज तक पहुंचना होगा.

वायरल वीडियो में मीनाक्षी सिंह बोल रही हैं, ''समाज को जोड़ने की पहली कड़ी परिवार होता है. बच्चों को यह बताना जरूरी है कि वे आदिवासी हैं और उनकी जाति क्या है. आज के समय में जातिगत पहचान और जातिवादी सोच सबसे बड़ी जरूरत बन चुकी है.''

वीडियो में मीनाक्षी सिंह यह भी कह रही हैं, ''सवर्ण समाज पक्षपात करता है और यही जातिवादी सोच हमें भी अपनानी होगी. अपने समाज के लोगों को तलाशिए और उनकी मदद कीजिए. कई आदिवासी भाई-बहन यह सोचकर झिझकते हैं कि बड़े पदों पर बैठे अधिकारियों से कैसे मिलें. ऐसा नहीं होना चाहिए। जब भी भोपाल आएं तो बेझिझक मिलें, अपनी बात रखें और समस्याएं साझा करें. बातचीत और संवाद से ही समाज के लिए कुछ किया जा सकता है.''

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ब्राह्मण समाज ने जताई नाराजगी

IAS मीनाक्षी सिंह के बयान पर सवर्ण समाज ने आपत्ति जताई है. अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा ने कहा कि यह सब संतोष वर्मा के खिलाफ समय पर और ठोस कार्रवाई नहीं करने का नतीजा है कि बड़े पदों पर बैठे अफसर ऐसे समाज को बांटने वाले बयान दे रहे हैं.

'सवर्ण समाज चुप नहीं बैठेगा'

आईएएस अधिकारी संविधान की शपथ लेते हैं जिसमें सर्वधर्म समभाव की बात होती है. यदि प्रदेश के आईएएस अफसरों में इस तरह की सोच पनप रही है, तो यह बेहद खतरनाक संकेत है. इसका मतलब वो जाति देखकर काम कर रहे हैं. सीएम मोहन यादव को चाहिए कि ऐसे जातिवादी सोच वाले अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर इन्हें लूप लाइन में भेजें, नहीं तो सवर्ण समाज चुप नहीं बैठेगा.

IAS संतोष वर्मा भी दे चुके हैं विवादित बयान

बता दें कि आईएएस मीनाक्षी सिंह से पहले आईएएस संतोष कुमार वर्मा भी इसी तरह का बयान देकर विवादों में घिर चुके हैं. 23 नवंबर को अजाक्स सम्मेलन में ब्राह्मण समाज की बेटियों को लेकर उन्होंने जो बयान दिया था, उसके बाद देश भर में प्रदर्शन और विरोध हुआ था, जिसके बाद सरकार ने उन्हें कृषि विभाग से हटाकर मंत्रालय अटैच कर दिया था.

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