बकरीद से पहले IAS नियाज खान के बयान से मुस्लिम संगठन भड़के, बोले- अफसरी छोड़ BJP जॉइन करें

IAS नियाज खान ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि पशुओं का खून बहाना कहीं से उचित नहीं है और पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं की रक्षा जरूरी है. इस बयान ने मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग में नाराजगी पैदा कर दी है.

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मुस्लिम त्योहार कमेटी ने IAS नियाज खान पर साधा निशाना. मुस्लिम त्योहार कमेटी ने IAS नियाज खान पर साधा निशाना.

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल ,
  • 06 जून 2025,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST

बकरीद से ठीक पहले मध्य प्रदेश के IAS अफसर नियाज खान के पशु कुर्बानी को लेकर दिए गए बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है. ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी ने नियाज खान के बयान पर कड़ा एतराज जताते हुए उनसे अफसरी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने की सलाह दी है. संगठन ने उनकी टिप्पणी को इस्लाम को बदनाम करने वाला बताया और कहा कि मुस्लिम समुदाय इसे बर्दाश्त नहीं करेगा.

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कमेटी के संरक्षक शम्सुल हसन ने कहा, ''हमें अफसोस है कि बकरीद जैसे त्योहार से ठीक पहले नियाज खान इस तरह के बयान दे रहे हैं. इस्लाम को बदनाम करने वाले बयान नाकाबिले बर्दाश्त हैं. मुस्लिम समुदाय इसे सहन नहीं करेगा. बीजेपी की सरकार है, इसलिए यहां के अधिकारी बीजेपी का दामन पकड़े हुए हैं. नियाज खान को बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहिए.'' 

शम्सुल हसन ने आगे कहा, ''अगर नियाज खान को कुरान के बारे में जानकारी है, तो उन्हें शर्म से डूब मरना चाहिए. अगर जानकारी नहीं है, तो मैं उन्हें कुरान भेंट करूंगा. कुर्बानी का इस्लाम में अपना महत्व है और यह कयामत तक जारी रहेगी, इसे कोई नहीं रोक सकता. कुरान में स्पष्ट लिखा है कि किस जानवर की कुर्बानी देनी है. हम उसी का पालन करते हैं. हम घोड़े, हाथी या शेर की कुर्बानी थोड़े करते हैं.''

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बता दें कि नियाज खान ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि पशुओं का खून बहाना कहीं से उचित नहीं है और पेड़-पौधों, जीव-जंतुओं की रक्षा जरूरी है. इस बयान ने मुस्लिम समुदाय के एक वर्ग में नाराजगी पैदा कर दी है.

यह पहली बार नहीं है जब नियाज खान का कोई बयान विवाद का कारण बना हो. इससे पहले भी उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स पर विवाद हो चुके हैं.

यह भी पढ़ें: MP कैडर के IAS नियाज खान बोले- इस्लाम तो अरब का धर्म, भारत में तो हिंदू से मुस्लिम बनाए गए थे लोग

फिलहाल, इस मामले ने बकरीद से पहले मध्य प्रदेश में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है और मुस्लिम संगठनों की ओर से उनकी टिप्पणी की कड़ी निंदा की जा रही है.

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