Sahitya Aaj Tak 2024: भजनों पर रैप बनाना कितना सही? कैसेट और यूट्यूब के दौर पर बोले अनूप जलोटा- जो दिल में बस जाए...

सितारों से सजे साहित्य आजतक 2024 के दूसरे दिन का आगाज 'भजन सम्राट' और मशहूर सिंगर अनूप जलोटा के भजनों के साथ हुआ. लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में अनूप जलोटा ने अपने भजन, गीत और शब्दों के जादू से सभी के मन को मोह लिया.

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अनूप जलोटा अनूप जलोटा

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:49 PM IST

सितारों से सजे साहित्य आजतक 2024 के दूसरे दिन का आगाज 'भजन सम्राट' और मशहूर सिंगर अनूप जलोटा के भजनों के साथ हुआ. लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में अनूप जलोटा ने अपने भजन, गीत और शब्दों के जादू से सभी के मन को मोह लिया. अनूप जलोटा के राम भजनों को सुनकर सभी मंत्रमुग्ध हो गए. 

अनूप जलोटा से पूछा गया कि उन्होंने अपनी गायकी की शुरुआत कैसे की थी? इसपर उन्होंने कहा- मैं पहले जब गाता था तो हार्मोनियम का एक सुर दबाकर गाता था, फिर धीरे-धीरे हाथ चलना शुरू हुआ तो 2-3 सुर बजाने लगा. जब मेरी उम्र 14-15 वर्ष की हुई तो मैं शानदार हार्मोनियम बजाने लगा. मुझे हार्मोनियम बजाने में बड़ा आनंद आता है. 

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आज के सिंगर्स के राम भजन पर अनूप जलोटा की राय क्या है?
इस सवाल पर भजन सम्राट बोले- सब अपने मन से गा रहे हैं, ध्यान से गा रहे हैं. गायकी में और सुंदरता आ जाएगी अगर आज के लोग शास्त्रीय संगीत सीखकर गाएंगे. मैं 63 साल से भजन गा रहा हूं, मैंने 7 साल की उम्र से गाना शुरू किया था और आज भी मुझे लगता है कि मैं अभी और 70 साल तक गाता रहूंगा. 

भजनों के रैप वर्जन पर क्या बोले अनूप जलोटा?
अनूप जलोटा से ये भी पूछा गया कि आज के दौर में जिस तरह भजन पर भी रैप बन रहे हैं, क्या वो सुनकर उन्हें बुरा लगता है? इस सवाल का अनूप जलोटा ने दिल जीतने वाला जवाब दिया. उन्होंने कहा- किसी किताब में नहीं लिखा कि भजन को कैसे गाना है. हर तरह से गा सकते हैं, बस भजन की सुंदरता और इसके शब्दों की शुद्धता नहीं खोनी चाहिए. 

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अनूप जलोटा ने आगे सवाल करते हुए कहा- जिन्होंने शास्त्रीय संगीत नहीं सीखा क्या उन्हें भजन गाने का अधिकार नहीं है? भजन जरूर गाएं, लेकिन बस उसकी शुद्धता का ध्यान रखें. भजनों की शुद्धता बरकरार रहनी चाहिए. 

भजन सम्राट से ये भी सवाल किया गया कि बहुत सारे लोग उन्हें कॉपी करते हैं तो इसपर उनकी क्या राय है? उन्होंने कहा- किसी को कॉपी करना कोई बुरी बात नहीं है. हम अपने पिता को फॉलो करते हैं. हम भी कई कलाकारों को सुनते हैं उन्हें कॉपी करते हैं, लेकिन नकल ऐसे करें कि आप किसी की कॉपी ना लगें. आप ऐसे गाइए कि वो गीत या भजन आपका लगे. अपनी आवाज की खूबसूरती बरकरार रखिए. अपनी ओरिजिनालिटी को कायम रखकर किसी को कॉपी करें, तो उसमें कोई बुराई नहीं है. 

कैसेट और यूट्यूब के दौर में कितना अंतर आया?

अनूप जलोटा से आगे पूछा गया कि उन्होंने कैसेट का दौर भी देखा है और अब यूट्यूब का दौर भी देख रहे हैं, जहां हिट और लाइक्स का कल्चर है, तो दोनों में कितना फर्क है? इसपर सिंगर ने कहा- मुझे तो अभी तक ये चीज समझ नहीं आती कि इतने लाइक्स और इतने फॉलोअर्स...मैं ये जानता हूं कि अगर कोई गीत किसी के दिल में बस गया हो तो किसी लाइक या फॉलो की जरूरत नहीं पड़ती. मैं जब गाता हूं तो उसे महसूस करके गाता हूं और अगर दूसरे को भी वो महसूस होता है, तो इससे बड़ा कोई डिजिटल नहीं हो सकता. 

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राम लला के दर्शन के वक्त ये भजन गाएंगे अनूप जलोटा
बता दें कि अनूप जलोटा भी 22 जनवरी हो अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. राम लला के दर्शन करने का संगीत सम्राट बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने आजतक साहित्य के मंच पर कहा कि राम लला के दर्शने के वक्त वो ये भजन गाना चाहते हैं- 

'राम से कोई मिला दे मुझको, राह से कोई लगा दे मुझको, बिन लाठी का निकला अंधा, राह से कोई लगा दे मुझको...'

अपनी बात को पूरा करते हुए अनूप जलोटा ने कहा- इस समय सिर्फ अयोध्या में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में ही दीप जलाए जा रहे हैं. उन्होंने 'जय श्री राम' का नारा लगाकर और राम भजनों की प्रस्तुति के साथ साहित्य आजतक के मंच को विदा कहा. 

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