चीन के वुहान से फैला कोरोना वायरस अब भारत समेत 30 देशों तक पहुंच चुका है. भारत में अब तक कोरोना के 28 केसों की पुष्टि हो चुकी है. कोरोना वायरस के संक्रमण के डर की वजह से सोशल मीडिया पर लोगों को नॉनवेज छोड़ने की भी सलाह दी जा रही है.
क्या नॉनवेज खाना सुरक्षित है?
कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस वुहान के मीट मार्केट से फैलना शुरू हुआ था. इस मार्केट में चिकन, सी फूड, मीट, शीप, सुअर और सांप जैसे जानवरों के मांस की बिक्री होती है. इस वजह से ही भारत में इस बात को लेकर अफवाह फैल गई कि नॉनवेज खाने से भी कोरोना वायरस फैल सकता है.
लोगों का कहना है कि ये वायरस जानवरों से लोगों तक पहुंच रहा है और इसी वजह से लोग मीट ना खाने की सलाह दे रहे हैं. हालांकि अब तक इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिला है कि कोरोना वायरस का जानवरों से कोई संबंध है या नहीं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इन अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा है.
नॉनवेज खाना पूरी तरह सुरक्षित है बशर्ते वो पूरी साफ-सफाई से बनाया गया हो. किसी भी तरह का नॉनवेज कच्चा या अधपका नहीं होना चाहिए. अच्छी तरह से उबले और पके नॉनवेज में संक्रमण का कोई खतरा नहीं होता है. मीट लेते वक्त और पकाते वक्त हाइजीन का ध्यान रखना जरूरी है.
क्या कोरोना बीयर से फैलता है कोरोना वायरस?
सोशल मीडिया पर ये भी अफवाह है कि लोकप्रिय बीयर ब्रांड कोरोना की वजह से भी कोरोना वायरस फैल रहा है. ये बस एक संयोग है कि इस बीयर ब्रांड का भी नाम कोरोना है और इसका वायरस से कोई लेना देना नहीं है. लोग बस इनके नामों की वजह से इसे जोड़ कर देख रहे हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना बीयर ब्रांड ने इस वायरस का नाम बदल कर ‘BudLightVirus’ करने की मांग की थी और इसके लिए 15 मिलियन डॉलर का भी ऑफर किया था.
क्या पालतू जानवरों से भी हो सकता है कोरोना वायरस?
WHO के अनुसार, फिलहाल इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पालतू जानवर, जैसे बिल्ली और कुत्ते कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं या उनसे ये वायरस फैला हो.
क्या सिर्फ बुजुर्गों को अपना शिकार बना रहा है कोरोना?
कोरोना वायरस से बच्चे, युवा, पुरुष, महिलाएं और बुजुर्ग कोई भी संक्रमित हो सकता है. हालांकि बुजुर्गों और पहले से किसी बीमारी से ग्रसित लोगों में ये होने की संभावना ज्यादा हो जाती है.
क्या कोरोना को रोकने में एंटीबॉयोटिक्स असरदार है?
एंटीबायोटिक्स दवाएं किसी भी तरह के वायरस पर काम नहीं करती हैं. एंटीबॉयोटिक्स केवल बैक्टीरियल इंफेक्शन को रोकने का काम करती हैं.
कोरोना वायरस भी एक तरह का वायरस है इसलिए इसके इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स दवाएं काम नहीं आएंगी.