हाईकोर्ट से लगाया Twitter पर 50 लाख का जुर्माना, केंद्र के आदेश के खिलाफ दायर याचिका की खारिज

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कुछ सोशल मीडिया खातों को ब्लॉक करने के केंद्र के आदेश के खिलाफ ट्विटर द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है. शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.

Advertisement
हाईकोर्ट ने ट्विटर पर लगाया 50 लाख का जुर्माना हाईकोर्ट ने ट्विटर पर लगाया 50 लाख का जुर्माना

अनीषा माथुर

  • नई दिल्ली,
  • 30 जून 2023,
  • अपडेटेड 12:41 PM IST

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को कर्नाटक हाईकोर्ट से झटका लगा है. ट्विटर ने कुछ सोशल मीडिया खातों और ट्वीट्स को ब्लॉक करने के केंद्र के आदेशों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हाई कोर्ट ने ने केवल माइक्रोब्लॉगिंग साइट की याचिका खारिज की बल्कि कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. पिछले साल, ट्विटर ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा उसे जारी किए गए आदेशों को चुनौती दी थी.

Advertisement

ट्विटर ने दी थी हाईकोर्ट में चुनौती

पिछले साल, ट्विटर ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा उसे जारी किए गए आदेशों को चुनौती दी थी.केंद्र ने ट्विटर को फरवरी 2021 और फरवरी 2022 के बीच कई सोशल मीडिया अकाउंट और ट्वीट्स को ब्लॉक करने के लिए कहा था. इनमें से ट्विटर ने 39 ब्लॉकिंग आदेशों को चुनौती दी थी.

ट्विटर बनाम केंद्र
2022 में, ट्विटर ने नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के तहत अपने प्लेटफॉर्म से सामग्री को हटाने के केंद्र के आदेश को चुनौती देते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. 2022 में याचिका की सुनवाई के दौरान, ट्विटर ने हाईकोर्ट को बताया कि किसी खाते को ब्लॉक करने के लिए केंद्र द्वारा जारी आदेश में इसके कारणों को सूचीबद्ध किया जाना चाहिए. कंपनी ने एक मानदंड स्थापित करने पर भी जोर दिया ताकि जरूरत पड़ने पर आदेश (आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के तहत जारी) को चुनौती दी जा सके.

Advertisement

इस बीच, केंद्र ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए बताया था कि ट्विटर कई वर्षों से "आदतन गैर-अनुपालन वाला मंच" रहा है. भारत सरकार ने कहा कि ब्लॉकिंग आदेश जारी करने से पहले सरकार और ट्विटर प्रतिनिधियों के बीच लगभग 50 बैठकें हुईं. केंद्र ने अदालत को यह भी बताया था कि 'ट्विटर का स्पष्ट इरादा देश के कानूनों का पालन न करने का था.'

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement