आत्महत्या से बचाएगी यूपी पुलिस, सोशल मीडिया पर सुसाइड से जुड़े पोस्ट पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश

आदेश के अनुसार यूपी पुलिस फेसबुक और इंस्टाग्राम से आत्महत्या की पोस्ट लिखने वालों की तत्काल जानकारी लेगी. यहां स्थानीय पुलिस की मदद से आत्महत्या का कदम उठाने वालों को बचाया जाएगा.

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संतोष शर्मा

  • लखनऊ,
  • 02 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 9:16 PM IST
  • UP पुलिस ने 15 दिन में बचाई 2 लोगों की जान
  • आत्महत्या से बचाएगी यूपी पुलिस

सोशल मीडिया पर अपनी जिंदगी की परेशानियों को लिखकर आत्महत्या करने वालों के लिए यूपी पुलिस ने एक नई शुरुआत की है. सोशल मीडिया पर आत्महत्या संबंधित पोस्ट पर अब त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. फेसबुक और इंस्टाग्राम से यूपी पुलिस तत्काल जानकारी लेकर पोस्ट लिखने वाले की जान बचाने के लिए उस तक पहुंचेगी.

शनिवार सुबह 8:00 बजे यूपी पुलिस को ट्विटर से जानकारी मिली कि प्रयागराज का एक 11वीं का छात्र परीक्षा में फेल होने के कारण आत्महत्या करने जा रहा है. उत्तर प्रदेश पुलिस के ट्विटर हैंडल से छात्र को तत्काल ऐसा न करने के लिए लिखा गया. मैसेज बॉक्स से छात्र का मोबाइल नंबर लिया गया और उसकी लोकेशन लेकर प्रयागराज पुलिस को उस छात्र की जान बचाने के लिए भेज दिया गया. मौके पर पहुंची प्रयागराज पुलिस ने उस छात्र से मुलाकात कर उसे समझाया और सलाह दी, जिसके बाद छात्र ने आश्वासन दिया कि वह भविष्य में आत्महत्या जैसा कदम के बारे में सोचेगा भी नहीं.

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दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया पर आत्महत्या संबंधी पोस्ट पर निगरानी रखना शुरू कर दिया है. अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी जिंदगी की परेशानियों की व्यथा बताकर आत्महत्या करने वालों के बारे में लगातार घटनाएं सामने आ रही थी, जिसको देखते हुए यूपी पुलिस की सोशल मीडिया टीम ने फेसबुक और इंस्टाग्राम के साथ मिलकर एक नई शुरुआत की.

अब फेसबुक इंस्टाग्राम टि्वटर पर यदि किसी व्यक्ति के द्वारा आत्महत्या किए जाने से संबंधित पोस्ट किया जाता है तो कंपनी की तरफ से सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर के फोन नंबर और ईमेल आईडी पर एक अलर्ट भेजा जाता है. यूपी पुलिस की सोशल मीडिया टीम 24 घंटे भेजे जाने वाले ऐसे अलर्ट पर नजर रखती है और जैसे ही कोई जानकारी मिलती है तो पहले आत्महत्या के बारे में सोच रहे व्यक्ति से पुलिस बात करती है, समझाने की कोशिश करती है, मदद का भरोसा दिलाती है. वहीं दूसरी तरफ लोकेशन लेकर स्थानीय पुलिस को भी मौके पर भेजा जाता है. इसका नतीजा है कि आत्महत्या करने वालों को अब बचाया जा रहा है.

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यूपी पुलिस में यह नई शुरुआत करने वाले सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल के नोडल अफसर एडिशनल एसपी राहुल श्रीवास्तव का कहना है कि उत्तर प्रदेश पुलिस में यह नई शुरुआत है. हमने फेसबुक, इंस्टाग्राम कंपनी से सीधे संपर्क कर रिस्पांस टाइम को कम करने की कोशिश की है ताकि हमें जल्द से जल्द जानकारी मिले और हम उस व्यक्ति को बचा सकें.
 

आत्महत्या के आंकड़े

बता दें कि देशभर में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक अकसर लोग जिंदगी से तंग आकर अपनी जान देने का फैसला कर लेते हैं. केंद्र सरकार की एजेंसी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) पर 2020 तक के आंकड़े मौजूद हैं. NCRB के आंकड़े बताते हैं कि पिछले 5 साल में 25 हजार से ज्यादा लोगों ने कर्ज और आर्थिक तंगी से परेशान होकर अपनी जान दे दी. 

NCRB के आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में देश में 5 हजार 213 लोगों ने कर्ज से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी. यानी, हर दिन 14 सुसाइड. इससे पहले 2019 में 5 हजार 908 लोगों ने सुसाइड की थी. राज्यसभा में सरकार ने बताया है कि तीन साल में बेरोजगारी से तंग आकर भी 9 हजार से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या कर ली.

2020 में 3 हजार 548, 2019 में 2 हजार 851 और 2018 में 2 हजार 741 लोगों ने बेरोजगारी की वजह से जान दे दी. NCRB के आंकड़े बताते हैं कि 2007 से 2013 तक मनमोहन सरकार के 7 साल में 20 हजार 171 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी. वहीं, 2014 से 2020 तक मोदी सरकार के 7 साल में 31 हजार 616 लोगों ने अपनी जान दे दी.

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