लखनऊ: हाथरस केस में 25 नवंबर को स्टेटस रिपोर्ट जमा करे सीबीआई- हाई कोर्ट

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सोमवार को हाथरस कांड मामले की करीब ढाई घंटे सुनवाई हुई. कोर्ट में गृह विभाग के सचिव तरुण गावा, एडीजी एलओ प्रशांत कुमार, तत्कालीन एसपी विक्रांत वीर पेश हुए.

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25 नवंबर को होगी अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

अभिषेक मिश्रा / शिवेंद्र श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 03 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 2:03 AM IST
  • हाथरस मामले में 25 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
  • 25 नवंबर को स्टेटस रिपोर्ट जमा करेगी सीबीआई
  • इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने दिया आदेश

उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथित गैंगरेप केस और मौत के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 25 नवंबर को सुनवाई की अगली तारीख तय की है. इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को अगली सुनवाई पर स्टेटस रिपोर्ट भी जमा करने को कहा है. यानी कि अब सीबीआई 25 नवंबर को विवेचना की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी. सरकार की तरफ से कहा है गया कि अगली सुनवाई तक डीएम हाथरस पर फैसला ले लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि हाथरस एसपी को हटाने की वजह मृतका का अंतिम संस्कार नहीं है. 

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हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच में सोमवार को हाथरस कांड मामले की करीब ढाई घंटे सुनवाई हुई. कोर्ट में गृह विभाग के सचिव तरुण गावा, एडीजी एलओ प्रशांत कुमार, तत्कालीन एसपी विक्रांत वीर पेश हुए. सरकार की तरफ से तत्कालीन एसपी विक्रांत भीम और डीएम प्रवीण कुमार ने हलफनामा पेश किया.  

आरोपी पक्ष की तरफ से सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा, केंद्र सरकार की तरफ से एडवोकेट एसपी राजू, एडवोकेट जयदीप नारायण माथुर और उत्तर प्रदेश सरकार के महाधिवक्ता वीके शाही ने बहस की. वहीं पीड़ित पक्ष की तरफ से एडवोकेट सीमा कुशवाहा ने अपना पक्ष रखा. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 25 नवंबर की डेट अगली सुनवाई के लिए लगाई है. 

हाई कोर्ट जज ने मीडिया रिपोर्टिंग और बयानबाजी पर भी सख्त टिप्पणी की है. सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद वकीलों और सभी पक्षकारों का मोबाइल बाहर ही जमा करवा लिया गया था. जानकारी के मुताबिक एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, गृह सचिव ने हाजिरी माफी डाली है. ये लोग कोर्ट के अग्रिम आदेश तक कोर्ट में पेश नहीं होंगे. 

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क्या है मामला? 

उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को एक दलित युवती से गैंगरेप हुआ था, जिसमें चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 29 सितंबर को युवती ने दम तोड़ दिया था, जिसके बाद प्रशासन ने जल्दबाजी में उसका अंतिम संस्कार करा दिया था. इसी दौरान स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े हुए थे और कुछ अधिकारियों को सस्पेंड भी किया गया था. इस मसले पर काफी राजनीतिक बवाल के बाद यूपी सरकार ने पूरे केस की जांच एसआईटी को सौंप दी. 

हाथरस कांड पर गृह सचिव भगवान स्वरूप की अगुवाई में SIT बनाई गई थी, जिसने हर पहलू की जांच की. शुरुआत में SIT को जांच के लिए सात दिन का वक्त मिला था, लेकिन उसके बाद दस दिन अधिक दिए गए. अब जाकर SIT ने अपनी जांच पूरी की है और सरकार को रिपोर्ट सौंपी है. 

हालांकि, अब हाथरस कांड की पूरी जांच सीबीआई कर रही है. सीबीआई की टीम अब तक पीड़ित परिवार, आरोपियों के परिवार से पूछताछ कर चुकी है. इसके अलावा सीबीआई ने कई बार घटना वाली जगह का भी दौरा किया है. 

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