यूपी चुनाव: अल्पसंख्यकों को जोड़ने की जुगत में BJP, हर जिले मेंं करेगी प्रबुद्ध अल्पसंख्यक सम्मेलन

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Polls) से पहले बीजेपी (BJP) अल्पसंख्यकों (Minorities) को जोड़ने के प्रयास में जुट गई है. बीजेपी हर जिले में प्रबुद्ध अल्पसंख्यक सम्मेलन करेगी.

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यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने तैयारियां तेज कर दी हैं. यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने तैयारियां तेज कर दी हैं.

समर्थ श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 18 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 9:17 AM IST
  • हर जिले मेंं प्रबुद्ध अल्पसंख्यक सम्मेलन करेगी बीजेपी
  •  अल्पसंख्यक मोर्चे की इस बार बड़ी टीम बनाएगी बीजेपी
  • उत्तर प्रदेश में अगले साल होने हैं विधानसभा चुनाव

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Polls) से पहले बीजेपी (BJP) अल्पसंख्यकों (Minorities) को जोड़ने के प्रयास में जुट गई है. बीजेपी हर जिले में प्रबुद्ध अल्पसंख्यक सम्मेलन करेगी. अल्पसंख्यक मोर्चे की इस बार एक बड़ी टीम बनाई जाएगी. इसमें करीब 44 अल्पसंख्यकों को घर-घर भेज कर उन्हें सरकार की नीतियों के बारे में बताया जाएगा.

भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने लखनऊ में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के नवनियुक्त पदाधिकारियों के साथ मंगलवार को बैठक की. सुनील बंसल ने कहा कि प्रबुद्ध अल्पसंख्यकों को पार्टी की विचारधारा से जोड़ा जा सके, इसके लिए बूथ स्तर तक अल्पसंख्यक मोर्चे के कार्यकर्ता जाएंगे और प्रचार-प्रसार करेंगे. 

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उन्होंने कहा कि मुसलमानों की शिक्षा व रोजगार भी भाजपा की प्राथमिकता पर है. जल्द ही पूरे प्रदेश के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में रोजगार मेला व अन्य सरकारी योजनाओं से मुसलमानों का सीधा लाभ पहुंचाने का कार्य किया जाएगा.

उधर, यूपी बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने मंगलवार को अपनी 26 सदस्यीय प्रदेश टीम की घोषणा की, जिनमें से 21 मुस्लिम बाकी जैन, सिख और अन्य अल्पसंख्यक समाज से हैं. कुंवर बासित अली ने बताया कि पिछली कार्यकारिणी में मुस्लिम पिछड़ी जाति से महज चार पदाधिकारी थे, जबकि इस बार संख्या बढ़ाकर ग्यारह कर दी गई है.

इस बार युवा और पढ़े-लिखे पदाधिकारी बनाए गए हैं. टीम का लगभग हर सदस्य ग्रेजुएट है. इसके अलावा खास बात यह है कि मुस्लिम समुदाय में भी जो पिछड़ी जातियां हैं, उनसे जुड़े कार्यकर्ताओं को प्रदेश पदाधिकारी बनाकर इन जातियों को सम्मान दिया गया है, क्योंकि राजनीति में इन समाजों का प्रतिनिधित्व बहुत ही कम है. ऐसे में हम उन्हें संगठन में शामिल कर पिछड़े समाज के बीच अपनी पकड़ को मजबूत बनाएंगे.

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