अयोध्या जमीन विवादः आजतक से बोले इरफान अंसारी- मार्केट रेट से कम पैसे में जमीन ट्रस्ट को दी

माना जाता है कि डील के पीछे इरफान अंसारी का ही हाथ और दिमाग है और इनका बेटा सुल्तान अंसारी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ हुए सभी समझौते में मुख्य किरदार है. 2011 और 2017 के एग्रीमेंट में इरफान अंसारी ही हरीश पाठक के साथ मुख्य किरदार था.

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अयोध्या में ट्रस्ट की खरीदी जमीन पर विवाद जारी (सांकेतिक- पीटीआई) अयोध्या में ट्रस्ट की खरीदी जमीन पर विवाद जारी (सांकेतिक- पीटीआई)

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 18 जून 2021,
  • अपडेटेड 7:08 PM IST
  • अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट की खरीदी जमीन पर विवाद जारी
  • '2011 में जमीन के मालिक ने जितना तय किया उतने में लिया'
  • एग्रीमेंट का समय खत्म हो रहा था तो नवीनीकरण करवायाः इरफान

अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई जमीन को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. विवादों के बीच एक और जमीन सौदा सामने आया है. अयोध्या जमीन विवाद के केंद्र में रहे इरफान अंसारी का कहना है कि हमने मार्केट रेट से कम पैसे में जमीन राम मंदिर ट्रस्ट को दी.

अयोध्या जमीन विवाद के केंद्र में रहे इरफान अंसारी से आजतक ने पूरे प्रकरण पर बात की है जिसमें इरफान ने कहा, '2011 में मैंने हरीश पाठक के साथ मिलकर इस जमीन का एग्रीमेंट लिया था, उस समय जमीन के मालिक ने जितना तय किया था उतने में लिया था. बाद में पता चला कि मुकदमा चल रहा है इसलिए रजिस्ट्री नहीं हो पाई थी.'

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उन्होंने आगे कहा कि 2014 में एग्रीमेंट का समय समाप्त हो रहा था इसलिए हमने एग्रीमेंट का रिनिवल करवाया. 

2019 के डील में बेटे को आगे किया

हालांकि कहा जाता है कि डील के पीछे इरफान अंसारी का ही हाथ और दिमाग है और इनका बेटा सुल्तान अंसारी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के साथ हुए सभी समझौते में मुख्य किरदार है. 2011 और 2017 के एग्रीमेंट में इरफान अंसारी ही हरीश पाठक के साथ मुख्य किरदार था लेकिन 2019 में उसने अपने बेटे को आगे किया और भी गवाह के तौर पर वो इस डील में है.

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इरफान अंसारी ने कहा, '2017 तक ऐसा समय आया कि लगा कि इसका बैनामा करवाना जरूरी है. बौनामा लेते समय मेरे और हरीश पाठक के बीच यह तय हुआ कि कुसुम पाठक और हरीश पाठक के नाम बैनामा करा दिया जाए और हम लोग बाद में फायदा तय कर लेंगे.' 

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26 करोड़ में पूरी की डीलः इरफान

उन्होंने कहा कि 2017 में इस जमीन का एग्रीमेंट इच्छाराम सिंह को कर दिया गया. उस समय पैसे की आवश्यकता थी तो हमें जो पैसा इच्छाराम सिंह से मिला उसको दूसरे काम में इस्तेमाल कर लिया गया. 2019 में जब केस खत्म नहीं हुआ तो हमने दूसरे 9 लोगों को अपने बेटे सुल्तान अंसारी समेत अपने 9 लोगों के पक्ष में एग्रीमेंट ले लिए.

इरफान कहते हैं कि सुल्तान अंसारी और रवि तिवारी पहले भी पार्टनर रहे हैं. उन्होंने मंदिर का हवाला दिया तो मैंने 26 करोड़ में पूरी डील तय कर ली. 

आजतक से बात करते हुए इरफान अंसारी ने कहा, '8 करोड़ और साढ़े 18 करोड़ आप मानिए मेरी डील साढ़े 26 करोड़ की थी. जब यह बात हरीश पाठक को पता लगी तो उन्होंने कहा कि कितना पैसा मिल रहा है तो हमने उनसे 10 करोड़ में बात फाइनल की. 10 करोड़ हमने उनको दिया और साढ़े 16 करोड़ हम लोगों ने लिए. 8 करोड़ ट्रस्ट की तरफ से और 2 करोड़ हम लोगों ने दिया. इस मामले में किसी को कोई कमीशन नहीं दिया गया.'

इरफान अंसारी ने कहा, ' जो साढ़े 16 करोड़ रुपये हमें मिले उसमें से हमने अपने पार्टनर लोगों को दे दिए और शेष रकम इनकम टैक्स और जीएसटी को लेकर बचाया. हमने मार्केट रेट से कम पैसे में जमीन राम मंदिर ट्रस्ट को दी.

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