पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट से कटेंगे 21 लाख से ज्यादा नाम, 90% प्रक्रिया पूरी

निर्वाचन आयोग ने एसआईआर की प्रक्रिया के दौरान पश्चिम बंगाल में 21 लाख से ज्यादा मृत मतदाताओं की पहचान की है, जिनके नामों को वोटर लिस्ट से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. आयोग ने बताया कि कई बीएलओ पर स्थानीय प्रशासन के दबाव की बातें सामने आई हैं, जिससे फॉर्म अपलोड में देरी हो रही है.

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पश्चिम बंगाल में काटे जाएंगे 21 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम. (photo: Representational) पश्चिम बंगाल में काटे जाएंगे 21 लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम. (photo: Representational)

संजय शर्मा

  • कोलकाता,
  • 02 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:31 AM IST

पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची से 21 लाख से अधिक मृत मतदाताओं के नाम कटने तय है. निर्वाचन आयोग में उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के दौरान 21 लाख से ज़्यादा मृत मतदाताओं की पहचान की जा चुकी है.

आयोग सूत्रों के मुताबिक, राज्य के उत्तर 24 परगना की मुद्दत सूची में अब तक सबसे ज़्यादा 2.75 लाख से ज़्यादा मतदाता मृत पाए गए हैं. इसके बाद पश्चिम बर्धमान और दक्षिण 24 परगना का नंबर है. पश्चिम बर्धमान में 1.57 लाख और दक्षिण चौबीस परगना में 1.39 लाख मृत मतदाताओं की पहचान हुई है.

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90% से ज्यादा गणना फॉर्म की एंट्री

निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक 90% से ज़्यादा गणना फ़ॉर्म की डिजिटल एंट्री हो चुकी है, लेकिन राज्य भर में मृत मतदाताओं की अंतिम संख्या तभी स्पष्ट होगी, जब बूथ लेवल अधिकारी बाकी 'अप्राप्त' फॉर्म अपलोड करने का काम खत्म कर देंगे. ये अप्राप्त फ़ॉर्म अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत और डुप्लिकेट (एएसडीडी) श्रेणियों को कवर करते हैं.

हालांकि, कई बीएलओ कथित तौर पर गणना फॉर्म अपलोड करने में देरी कर रहे हैं. इन बीएलओ का दावा है कि उन पर स्थानीय जिला प्रशासन दबाव बना रहा है. इस वजह से कई लोग गणना के लिए आवश्यक फॉर्म जमा करने में हिचकिचा रहे हैं.

वहीं, घर-घर जाकर जांच करने के बावजूद आयोग की टीम ने पाया कि एएसडीडी फॉर्म भी बिना उचित टैगिंग के एकत्र किए गए थे.

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SIT गठित

निर्वाचन आयोग ने ऐसे मामलों का भी पता लगाया है, जहां एएसडीडी-फ्लैग किए गए गणना फॉर्म बीएलओ ऐप में ठीक से चिह्नित या डिजिटाइज किए बिना 'कहीं और' एकत्र किए जा रहे हैं.इन खामियों की गंभीरता को देखते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल और विशेष मतदाता सूची पर्यवेक्षक, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सुब्रत गुप्ता ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है.

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