अब सियाचिन में पाक के मंसूबों को नाकाम करेंगे इंडियन ड्रोन, एयर एंबुलेंस का भी करेंगे काम

तकनीक की दुनिया में क्रांति ला रहे यह आधुनिक ड्रोन्स, कोई सियाचिन पर रखेगा नज़र तो कोई किसानों की मदद करेगा. आज हम आपको ऐसे ड्रॉन्स के बारे में बता रहे हैं जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे.

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ड्रोन फेस्टिवल में प्रदर्शित किए गए ड्रोन ड्रोन फेस्टिवल में प्रदर्शित किए गए ड्रोन

तेजश्री पुरंदरे

  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2022,
  • अपडेटेड 11:03 PM IST
  • एयर एंबुलेंस की तर्ज पर ड्रोन एंबुलेंस 
  • दिल्ली के प्रगति मैदान में ड्रोन फेस्टिवल

आसमान में उड़ान भरने वाले ड्रोन अब तकनीक की दुनिया में विकास की नई क्रांति ला रहे हैं. दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे ड्रोन उत्सव में कुछ ऐसे ही नजारा देखने को मिल रहे हैं. इस प्रदर्शनी में कुछ ऐसे ड्रोन्स को डिस्प्ले किया गया है, जिनसे साबित होता है कि भारत वैश्विक पटल पर ड्रोन्स औद्योगिकी में अपने आप को मजबूत कर रहा है. आज हम आपको ऐसे ड्रॉन्स के बारे में बता रहे हैं जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे.

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हवा में 365 दिन देगा पहरा 

अयान ऑटोनॉमस सिस्टम्स द्वारा बनाया गया AIRavat T90 एक ऐसा ड्रोन है जो पूरे साल हवा में ही रहेगा. ज्यादातर ड्रोन 6-7 घंटों तक हवा में उड़ने की कैपेसिटी रखते हैं. इसे केबल के जरिए कनेक्ट किया जाएगा, जिसके कारण इसकी बैटरी कभी खत्म नहीं होगी. खास बात यह है कि इसका इस्तेमाल विपरीत परिस्थितियों में भी किया जा सकता है. इसे इस तरह से बनाया गया है कि जिस क्षेत्र में नेटवर्क नहीं होगा, वहां भी ये काम करेगा. मुख्य रूप से सरहदों पर जहां तापमान अभी माइनस में होता है तो कभी बहुत गर्म होता है, वहां भी दुश्मन पर नजर बनाए रखने में मददगार साबित होगा. इस ड्रोन की पेलोड क्षमता 30 किग्रा है. इसे 4500 मीटर ऊंचाई तक उड़ाया जा सकता है. ये ड्रोन -20 डिग्री से 60 डिग्री तापमान में चल सकता है. 

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एयर एंबुलेंस की तर्ज पर ड्रोन एंबुलेंस 

सियाचिन जैसी जगह पर जब हमारे सैनिक देश की रक्षा के लिए तैनात होते हैं. तो वहां मौसम का तापमान माइनस में रहता है. ऐसे में कई बार ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है और तबीयत बिगड़ने लगती है. ऐसे में यह ड्रोन सियाचिन जैसी जगह तक पहुंचकर मरीज या घायल सैनिक को अस्पताल या मेडिकल कैंप तक लाने में मददगार साबित होगा. ड्रोन को डिजाइन करने वाले विकास मिश्रा बताते हैं कि यह ड्रोन युद्ध में घायल सैनिकों को भी जल्द से जल्द रेस्क्यू कर उनका इलाज करवाने में मदद करेगा. विकास बताते हैं कि यह एक समय पर 150 किलो तक का वजन उठा सकता है. सिग्नल मिलने पर यह तुरंत स्थान पर पहुंचेगा जहां इसकी जरूरत है. इसकी रेंज 25 किमी है.  

दुनिया का सबसे एडवांस्ड ड्रोन 

इंडो विंग्स के सीईओ पारस जैन का दावा है कि उन्होंने एस सीरीज नाम का एक ऐसा ड्रोन बनाया है जो पूरे दुनिया में सबसे एडवांस ड्रोन माना जा रहा है. यह ड्रोन खास तौर पर कृषि उद्योग के लिए बनाया गया है. इसकी खास बात यह है कि यह ऑटो मोड पर चलता है. पारस जैन के मुताबिक, इसे ऑटो मोड पर इसलिए रखा गया है ताकि किसानों को इसे इस्तेमाल करने में आसानी हो. इसमें अल्ट्रा वाइड आई कैमरा लगा हुआ है. इसके साथ ही इसे पहाड़ी क्षेत्र में 90 डिग्री ढलान के साथ इसका उपयोग किया जा सकता है.  

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ड्रोन रेस्क्यू पैराशूट 

कई बार ऐसा भी होता है कि खराब मौसम या फिर ड्रोन पर अटैक होने के कारण ड्रोन डैमेज या क्षतिग्रस्त हो जाता है. ऐसे में मिशन फेल होने की भी संभावना होती है. इसीलिए ड्रोन रेस्क्यू पैराशूट एक ऐसा ड्रोन है जो ड्रोन को क्षति पहुंचने से पहले ही उसे ऊपर की और उठाएगा जिससे वह डैमेज ना हो सके.
 

 

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