'50 फीसदी टैरिफ या अपमान को नहीं भूल सकते...', ट्रंप के बदले सुर तो शशि थरूर ने साधा निशाना

अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने कहा था कि 50 फीसदी अमेरिकी टैरिफ से बचने के लिए भारत को तीन शर्तें माननी होंगी. उन्होंने कहा था कि भारत को या तो अमेरिका के साथ गठबंधन करना होगा या फिर ब्रिक्स के जरिए रूस और चीन के साथ रिश्ते मजबूत करने का रास्ता चुनना होगा. उन्होंने कहा कि भारत अपना बाजार नहीं खोलना चाहता. भारत को रूसी तेल खरीदना बंद करना होगा. ब्रिक्स में शामिल होना बंद करना होगा

Advertisement
शशि थरूर ने हॉवर्ड लुटनिक के बयान पर क्या कहा (Photo: PTI) शशि थरूर ने हॉवर्ड लुटनिक के बयान पर क्या कहा (Photo: PTI)

मीर फरीद

  • कुलगाम,
  • 08 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:01 AM IST

रूस का तेल भारत और अमेरिका के संबंधों के लिए गले की फांस बना हुआ है.  रूस के तेल की वजह से अमेरिका, भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी का टैरिफ लगा चुका है. अमेरिकी वाणिज्य मंत्री कह चुके हैं कि भारत लंबे समय तक अमेरिका को नजरअंदाज नहीं कर सकता. भारत को माफी मांगकर बातचीत की टेबल पर लौटना पड़ेगा. अब कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस पर प्रतिक्रिया दी है.

Advertisement

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी. विदेश मंत्री जयशंकर ने भी बुनियादी संबंधों के महत्व पर जोर दिया. ये दरअसल एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है. दोनों ने जो मैसेज दिया है, वह हमारे लिए बहुत जरूरी है. मैं इसका स्वागत करता हूं.

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हम 50 फीसदी टैरिफ या राष्ट्रपति और उनके स्टाफ ने जो अपमान किया है, उसे पूरी तरह से भूल सकते हैं. ट्रंप का स्वभाव काफी चंचल है और उन्होंने जो कुछ कहा है, उससे हमारे देश को चोट पहुंची है. इसके घाव भरने में समय लगेगा.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सरकारों और राजनयिकों गंभीरता से संबंधों को सुधारने की जरूरत है. भारतीयों को ट्रंप के 50 फीसदी टैरिफ के परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं और इनसे पार पाना जरूरी है. लेकिन मुझे नहीं लगता कि हम अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ या हमारे अपमान को कभी भूल सकते हैं.

Advertisement

थरूर ने अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत ने बहुत ही परिपक्वता से काम लिया है. मुझे नहीं लगता कि हमें माफी मांगने की कोई जरूरत है. अमेरिका को ये नहीं भूलना चाहिए कि वहां कि पिछली सरकारों ने ही वैश्विक तेल की कीमतों को स्थिर करने के लिए हमसे रूसी तेल खरीदने का आग्रह किया था और दूसरी बात चीन हमसे ज्यादा रूस का तेल खरीदता है.

दरअसल, लुटनिक ने कहा था कि दो महीने में भारत को बातचीत की टेबल पर लौटना होगा और अमेरिका से माफी मांगेगा. इससे पहले पांच सितंबर को ट्रंप ने कहा था कि हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है. इसके कुछ घंटे बाद उन्होंने पीएम मोदी को एक महान प्रधानमंत्री और अपना दोस्त बताया था. इस पर पीएम मोदी ने कहा कि वह ट्रंप की भावनाओं की सराहना करते हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement