Republic Day: 10 बजकर 18 मिनट पर गणतंत्र बना था भारत, पहली परेड में थे 3000 जवान-100 विमान

Republic Day Facts: 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र दिवस की पहली परेड शाम को निकली थी. पहली परेड इरविन स्टेडियम में हुई थी. 1955 से हर साल राजपथ पर परेड का आयोजन किया जा रहा है.

Advertisement
पहली परेड में जनता को भी शामिल किया गया था. (फाइल फोटो) पहली परेड में जनता को भी शामिल किया गया था. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:56 AM IST
  • 26 जनवरी 1950 को शाम को हुई थी परेड
  • 1955 से राजपथ पर आयोजित हो रही है परेड

Republic Day Facts: 26 जनवरी 1950 की सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर भारत गणतंत्र बना था. ठीक 6 मिनट बाद यानी 10 बजकर 24 मिनट बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली. उन्हें तब के चीफ जस्टिस हीरालाल कनिया ने शपथ दिलाई थी. इसके बाद देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने हिंदी और अंग्रेजी में भाषण दिया था. 

Advertisement

72 साल पहले आज ही के दिन गवर्नमेंट ऑफ इंडिया 1935 की जगह भारत का संविधान लागू हुआ था. वैसे तो भारत का संविधान बनाने का काम 26 नवंबर 1949 को पूरा हो गया था. संविधान सभा ने इसे मंजूर भी कर दिया था. लेकिन ऐसा कहा जाता है कि चूंकि 26 जनवरी 1930 को कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज्य का नारा दिया था. इसलिए दो महीने का इंतजार कर 26 जनवरी 1950 को देश के आखिरी गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी ने भारतीय गणतंत्र की घोषणा की थी.

आजादी से पहले ही तय हो गया था भारत का अपना संविधान होगा

18 जुलाई 1947 को ब्रिटिश संसद से 'इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट' पास हुआ. इससे ही भारत का बंटवारा हुआ और पाकिस्तान बना. इस एक्ट के तहत 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान ने और 15 अगस्त 1947 को भारत ने अपनी आजादी की घोषणा की.

Advertisement

हालांकि, आजादी से एक साल पहले ही 9 दिसंबर 1946 को तय हो गया था कि भारत का अपना संविधान होगा. इसके लिए संविधान सभा बनाई गई थी. 2 साल 11 महीने और 18 दिन तक चली बैठक के बाद भारत का संविधान बना. 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान सभा को मंजूरी दी. 

ये भी पढ़ें-- Republic Day Parade: 26 जनवरी की परेड में इस बाइक पर जांबाज मचाते हैं धमाल, ये खासियतें

शाम को निकली थी गणतंत्र दिवस की पहली परेड

अभी गणतंत्र दिवस की परेड सुबह निकलती है, लेकिन पहली परेड शाम को निकली थी. 26 जनवरी 1950 की दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर राजेंद्र प्रसाद बग्घी में सवार होकर राष्ट्रपति भवन से निकले थे. कनॉट प्लेस जैसे इलाकों से होते हुए राष्ट्रपति 3 बजकर 45 मिनट पर नेशनल स्टेडियम पहुंचे. तब नेशनल स्टेडियम को इरविन स्टेडियम कहा जाता था.

राष्ट्रपति जिस बग्घी में सवार थे, वो उस वक्त 35 साल पुरानी थी. 6 ऑस्ट्रेलियाई घोड़े उस बग्घी को खींच रहे थे. परेड स्थल पर राष्ट्रपति को शाम के वक्त 31 तोपों की सलामी दे गई थी. 1950 में हुई पहली परेड में जनता को भी शामिल किया गया था. पहली परेड में 3 हजार जवान और 100 विमान हिस्सा थे. 

Advertisement

गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि को बुलाने की परंपरा पहली परेड से ही थी. पहले गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के तब के राष्ट्रपति डॉ. सुकर्णो विशेष अतिथि बने थे. 

1955 से राजपथ में हो रही है परेड

शुरुआत के 5 साल तक गणतंत्र दिवस की परेड की जगह तय नहीं थी. 1950 से 1954 तक परेड कभी इरविन स्टेडियम तो कभी लालकिला तो कभी रामलीला मैदान पर होती रही. 

1955 में तय हुआ कि परेड राजपथ से निकलेगी और लालकिले तक जाएगी. तब से ही हर साल राजपथ पर परेड निकाली जाती है. 1955 में लाल किले पर मुशायरे का आयोजन भी किया गया था.

1955 में पहली बार राजपथ पर जो परेड हुई थी, उस समारोह में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद मुख्य अतिथि थे.

साल गुजरने के साथ गणतंत्र दिवस की परेड की भव्यता भी बढ़ती गई. एक आरटीआई के जवाब में सरकार ने बताया था कि 2001 की परेड में 145 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जबकि 2014 की परेड में 320 करोड़ रुपये खर्च हुए थे.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement